मुम्बई: Ekta Tripolis में ब्रह्माकुमारीज़ के नये राजयोग सेवाकेंद्र का उद्घाटन

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मुम्बई-महाराष्ट्र: आदरणीय आशा दीदी जी के शुभ हस्तों द्वारा मुम्बई में राममंदिर स्टेशन के पास  Ekta Tripolis में ब्रह्माकुमारीज़ के नये राजयोग सेवाकेंद्र का मंगल उद्घाटन किया गया।  इस अवसर पर बोरीवली सब ज़ोन के सभी समर्पित भाई बहने एवं करीब 500 बी. के.  भाई बहनों की उपस्थिति रही। बिल्डर अशोक मोहनानी जी ने शब्दों द्वारा सभी का स्वागत किया। साथ ही नूपुर झंकार कलाकेंद्र की कुमारियों ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया।

आदरणीय आशा दीदी जी  ने  अपने आशीर्वचन देते हुए कहा –

मुंबई मम्मा,बाबा, दादियों की चरित्र भूमि रही  है। मुंबई निवासियों को अपने पूर्वजों की पालना का बड़ा भाग्य प्राप्त है। तो सौगात के रूप में आशा दीदी ने बड़ों की अमूल्य शिक्षाओं की स्मृति दिलाई । बाबा का स्लोगन है , “जैसा कर्म मैं करूंगा, मुझे देख करके और करेंगे“।  मम्मा सदा अपने रुहाब मे रहती थी और कहती थी “सदा याद रखो – मैं  विश्व की स्टेज पर हूँ और हर वक्त मेरा फोटो निकल रहा है“ ।

दीदी मनमोहिनी जी बाबा की सदा नशे मे रहने वाली आत्मा थी। उनकी विशेषता थी अव्यभिचारी बुद्धि । एक बाबा दूसरा न कोई । दादी प्रकाशमणि जी  का जीवन पारदर्शी था और दादी की हम सबको सौगात थी तीन शब्द – “निमित्त , निर्माण और निर्मल वाणी “।  दादी जानकी जी इतने  नशे में रहती थी और  कहती थी,” मेरा दिल करता है, बाबा को अपने कंधों पर बिठा कर , सारे विश्व में घुमाऊ और सबको पता लगे ये मेरा बाबा है “ । इतनी कसक सेवा के लिए ,  बाबा की प्रत्यक्षता के लिए थी। दादी गुलज़ार जी जिन्होंने अपनी संपूर्णता के ढाई वर्ष मुंबई में बिताये , वो कहती थी  , “कुछ भी हो जाए, बात आएगी और चली जायेगी लेकिन खुशी कभी न जाए 

बोरीवली सबज़ोन प्रभारी दिव्या बहन ने नए सेवाकेंद्र के प्रति अपनी संकल्पना सभी के समक्ष रखी –

समय कम है कार्य काफी है। और उस कार्य को जल्दी से सम्पन्न करने के लिए जगह-जगह पर सेवा के स्थान की आवश्यकता है। भगवान जो दया का सागर है, बच्चों का ख्याल रखता है, वह अपने बच्चों के सहयोग से ऐसे नये स्थान बनवाता है। ता की कोई भी आत्मा परमात्मा के ज्ञान से वंचित न रह जाए।

बी. के. राज बहन (प्रभारी, कांदिवली सेवाकेंद्र) ने अपनी शुभकामना दी –                

यह बाबा का नया घर, दिव्या बहन के संकल्प से और अशोक भाई के सहयोग से  बना।  अशोक भाई का  जैसा नाम है वैसा काम है। अशोक भाई बहुत सारी अशोक वाटिका तैयार कर रहे है। जहाँ अनेक आत्मायेँ आ करके अशोक जीवन का अनुभव करती है।

बी. के. प्रफुल्ला बहन(प्रभारी, वसई सेवाकेंद्र) ) ने अपनी शुभकामना दी –

यहां पर आने वाले भाई बहने परमात्मा के साथ से, हिम्मत और उल्हास से स्वयं को महान बनायेंगे और दूसरों की भी जीवन को सुखमय और समृद्ध बनायेंगे । 

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