मुख पृष्ठआजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओरत्याग से ही भाग्य बनता है - अबधेश दीदी

त्याग से ही भाग्य बनता है – अबधेश दीदी

ग्वालियर,मध्य प्रदेश।  जब हमारे विचारों में शुद्धता होती है तो वाणी में संयम स्वतः ही उत्पन्न हो जाता है। यह विचार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय प्रभु उपहार भवन माधौगंज केंद्र पर रविवार को आयोजित कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज भोपाल जोन की निदेशिका राजयोगिनी बीके अवधेश दीदी ने कही।
उन्होंने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में लोगो को अपने जीवन में कुछ मुख्य बातों को अपनाना चाहिए। उन्होंने बताया कि त्याग से भाग्य श्रेष्ठ बनता है। हम जीवन में जो भी करें पूरी निष्ठा के साथ करें। जिम्मेदारी निभाना बहुत बड़ी कला है। परिवार के साथ मित्र संबधियो की खुशहाल स्थिति बनाए रखना बहुत जरूरी है। दीदी ने बताया कि परिस्थितियों से कभी हारना नही चाहिए वल्कि उनका डटकर सामना करना चाहिए। साथ ही उन्होंने उपस्थित लोगो को बताया कि हमें अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढना चाहिए। इससे आपको सफलता भी मिलेगी और समाज में सम्मान भी मिलेगा।
इस अवसर पर लश्कर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके आदर्श दीदी ने सभी का स्वागत अभिनंदन करते हुए भोपाल ज़ोन की निदेशिका का सम्मान भी किया।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद, बीके विजेंद्र, बीके गुप्ता संजय चौहान, संजय खत्री, जगदीश मकरानी, कविता पमनानी, सुरेंद्र बैस, आरती,  भगवती, एकता, वैष्णवी  सहित संस्था से जुड़े 500 से भी अधिक भाई एवं बहनें उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में संस्था की पूर्व पदाधिकारी दीदी मनमोहनी जी के 40 वें पुण्य स्मृति दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी गई।

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