आत्मविश्वास ही सफलता की नींव है, एक अच्छी पढ़ाई मैं सफलता प्राप्त करने का आधार आत्म विश्वास -ब्रह्माकुमार नारायण भाई
अलीराजपुर,मध्य प्रदेश। कोई व्यक्ति अपने कार्यों में सफल तब हो सकता है जब नए कार्यों को करने की निर्माणात्मक उमंग भरी हो। उत्साह और आशा से ही बड़े कार्य संपन्न होते हैं। महान कार्य करने के लिए मन की स्थिति भी महान चाहिए। आप ऐसा कभी न सोचे कि मैं परेशान हो गया हूं, मैं तंग हो गया हूं, मेरा तो भाग्य ही ऐसा है ,मेरी बुद्धि ही कमजोर है, ऐसे विचारों को मन में घुसने से रोके। मन की स्थिति को ऐसा बनाएं जो कुविचार मन में प्रवेश ही न करें। जैसे साप किसी को बेरहमी से काटता है इसी प्रकार आप समझ ले कि संदेह भी आपके जीवन को नष्ट कर देता है। यह सांप से भी भयंकर है ,सांप के काटने पर फिर भी मनुष्य एक बार बच सकता है संदेहसिल कुछ भी नहीं कर सकता है। वह कर्म हीन बनकर रह जाता है। विचार इंदौर से पधारे जीवन जीने की कला के प्रणेता ब्रह्माकुमार नारायण भाई ने बोरखड में स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के बच्चों को भारत सरकार के द्वारा G20 कार्यक्रम के अंतर्गत युवाओं के लिए Y20 कार्यक्रम स्वास्थ्य तंदुरुस्ती व खेल कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बताया ।इस कार्यक्रम में ब्रह्मा कुमारी ज्योति बहन ने बताया जो अपने जीवन को छोटा बनाते हैं वह अंधकार को भरते है, जीवन को खोखला बनाते हैं। ऐसे विचारों को जड़ से उखाड़ कर फेंक देना चाहिए। आप स्वयं इन विचारों का निर्माण करते हैं। भगवान ने इनमें से किसी का निर्माण नहीं किया। भगवान ने आपको प्रसन्नता के लिए बनाया है आप उनके बच्चे हैं उसने आपको बुद्धि दी है कि आप सभी प्रकार की परिस्थितियों पर विजय प्राप्त कर सके ।अपने मन की खिड़कियां के द्वार खोल दीजिए जिससे शक्तिया आपके स्वागत के लिए तैयार होगी। आपका मन आशा और विश्वास से भर उठेगा । आप इसी क्षण दृढ़ निश्चय करें तो आशावादी बन जाएंगे। दृढ़ता की कहानी सबसे कठोर क्या है? एक बार गुरुजी ने पूछा कि सबसे कठोर क्या है एक शिष्य ने कहा कि पहाड़, जीसे कोई हिला नहीं सकता। दूसरे ने कहा लोहा जो पर्वत को तोड़ सकता है।तीसरे ने कहा अग्नि जो लोहे को गला सकती है। चोथे ने कहा पानी जो आग को बुझा सकता है। गुरु जी ने कहा संकल्प और आत्मविश्वास, जैसे हम पानी से आग बुझा सकते हैं आग से लोहे को गला सकते हैं, लोहे से पहाड़ को तोड़ सकते हैं। इसी प्रकार आत्मविश्वास से हर कार्य सफल कर सकते हैं। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय प्रिंसिपल नरेंद्र मालवीय ने बताया जीवन का उद्देश्य महान हो ।हमारा विश्वास ही हमारी सफलता का आधार है। आत्मविश्वास ही सफलता की नींव का पत्थर है। रास्ते में आई बाधाओं को हटाने का महामंत्र यही एक शब्द है। जिसमें पहाड़ों को हटा देने की शक्ति भरी है। कर्म की प्रेरणा देनेवाला आत्मविश्वास ही है। इस कार्यक्रम में अध्यापक कमला रावत ने भी संबोधित किया ।कार्यक्रम के शुभारंभ में ब्रह्मा कुमार अर्जुन भाई ने गीत गाकर सबक उमंग उत्साह बढ़ाया।