मुख पृष्ठआजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओरदंतेवाडा: क्रोध से मनुष्य का विवेक नष्ट होता है-भगवान भाई दंतेवाडा

दंतेवाडा: क्रोध से मनुष्य का विवेक नष्ट होता है-भगवान भाई दंतेवाडा

दंतेवाडा (छत्तीसगढ़):

क्रोध से मनुष्य का विवेक नष्ट होता है |क्रोध मुर्खता से शुरू होता और  कई वर्षो के बाद के पश्चाताप से समाप्त होता है | क्रोध के कारण मनोबल और आत्मबल कमजोर हो जाता है |क्रोध ही अपराधो के मूल कारण बन जाते है | क्षणिक क्रोध या आवेश मनुष्य को कभी न सुधरने वाली भूल कर बैठता है। क्रोध से मानसिक तनाव बढ़ता है।  उक्त उदगार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय माउंट आबू राजस्थान से आये हुए बी के भगवान भाई ने कहे| वे स्थानीय ब्रह्माकुमारीज राजयोग सेवाकेंद्र  में पधारे हुए ईश्वर प्रेमी भाई बहनों को खुशहाल जीवन हेतु क्रोध मुक्त जीवन विषय पर बोल रहे थे |

उन्होंने क्रोध मुक्ति बनने के उपाय बताते हुए कहा कि सकारात्मक चिंतन से ही हम सहनशील बन क्रोध मुक्त बन सकते है | सकारात्मक चिन्तन से हमारा मनोबल को मजबूत बन सकता हैं। सकारात्मक चिन्तन द्वारा ही हम क्रोध मुक्त और तनाव मुक्त जीवन जी सकते हैं। सकारात्मक चिंतन से सहनशीलता आती जिससे कई समस्याओं का समाधान हो जाता है। है। मन के विचारों का प्रभाव वातावरण पेड़-पौधों तथा दूसरों व स्वयं पर पड़ता  हे | यदि हमारे विचार सकारात्मक है तो उसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने बताया कि जीवन को रोगमुक्त,दीर्घायु, शांत व सफल बनाने के लिए हमें सबसे पहले विचारों को सकारात्मक बनाना चाहिए।

बस्तर संभाग के ब्रह्माकुमारीज की प्रभारी बी के मंजूषा बहन जी  जी ने  राजयोग की महत्ता बताई और कहा कि राजयोग के द्वारा ही हम अपने संस्कारों को सतोप्रधान बना सकते हैं। इंद्रियों पर काबू कर सकते हैं। क्रोध मुक्त और तनाव मुक्त रहने के लिए हमें रोजाना ईश्वर का चिंतन, गुणगान करना चाहिए । सकारात्मक चिन्तन से हम जीवन की विपरीत एवं व्यस्त परिस्थितियों में संयम बनाए रखने की कला है।

स्थानीय ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र की बी के चंद्रमणि  बहन जी ने राजयोग की विधि बताते हुआ कहा कि स्वंम को आत्मा निश्चय कर चाँद, सूर्य, तारांगण से पार रहनेवाले परमशक्ति परमात्मा को याद करना, मन-बुद्धि द्वारा उसे देखना, उनके गुणों का गुणगान करना ही राजयोग हैं । राजयोग के द्वारा हम परमात्मा के मिलन का अनुभव कर सकता हैं ।

कार्यक्रम की शुरुवात में कुमारी ख़ुशी और कुमारी हासी जी स्वागत डांस  किया गया |

कार्यक्रम के अंत में मेडिटेशन किया | काफी भाई बहनों ने इस कार्यक्रम का लाभ लिया |

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