नीमच: जब सूनी कलाई में राखी बंधी तो उनकी आंखों से प्रेम की अश्रुधार बह निकली

0
306

जब सूनी कलाई में राखी बंधी तो उनकी आंखों से प्रेम की अश्रुधार बह निकली…
जिला जेल के 500 से अधिक कैदियों को ब्रह्माकुमारी बहनों ने राखी बांधी..

नीमच,मध्य प्रदेश। कोई पंजाब से.. कोई राजस्थान से… तो कोई उत्तर प्रदेश से.. सुदूर प्रांतों से.. नीमच की जेल में ये सोचकर उदास था कि क्या कोई मेरा अपना भी आएगा..? दो मीठे बोल सुनाऐगा.. और मेरी सूनी कलाईयों पर भी स्नेह सम्बन्ध की पवित्र डोर बांधकर मुख मीठा करवाऐगा..
और जिला जेल के उन 500 से अधिक कैदियों का ये दिवास्वप्‍न उस समय साकार हो उठा जब राजयोग तपस्विनी ब्रह्माकुमारी बहनों का जिला जेल में आगमन हुआ.. और जब ब्रह्माकुमारी बहनों ने उनको मीठे प्‍यारे भाईयों और बहनों कहकर सम्बोधित किया तो उनकी आंखों से प्रेम की अश्रुधार बह निकली.. उनके मनोबल को उंचा उठाने के लिए जब ये कहा गया कि ‘‘आप अपनी किसी भूल से जरूर इस जेल में हैं लेकिन केवल आप ही नहीं, सही अर्थों में यदि देखा जाए तो हर मनुष्य आत्मा अपने देह अभिमान की कैद में सुख-शांति की कामना से छटपटा रही है..
कोई गलती या अपराध तब होता है, जब मनुष्य आत्मा अपने मन और संकल्पों पर नियंत्रण खो देती है.. मनुष्य की भृकुटी के मध्यविराजमान चैतन्य शक्ति ज्योति बिन्दू आत्मा जब स्वयं के अस्तित्व को भूलकर खुद को देह समझकर देह की दुनिया और देह के सम्बन्धों में ही खो जाती है तब देह अभिमान रूपी रावण आत्मा रूपी सीता को कैद कर लेता है.. तभी तो अनियंत्रित शरीर की कर्मेन्द्रियों से अपराध हो जाता है’’ उपरोक्त विचार जिला जेल नीमच में राजयोग तपस्विनी ब्रह्माकुमारी सविता दीदी जी ने 500 से अधिक कैदियों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये । इस अनोखी आध्यात्मिक सभा में ब्रह्माकुमारी संस्थान के एरिया डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई जब मंच से नीचे उतरकर धूप में बैठे कैदी भाई-बहनों के मध्य जा पहुंचे और कहा – जहां आप हैं वहीं खड़ा रहकर आपसे बात करूंगा.. तो कैदी भाई बहनों ने जोश खरोश के साथ तालियों से उनका स्वागत किया और ब्रह्माकुमारी श्रुति बहन ने जब ये कहा कि हम आपके अपने हैं, हमें गुनाह से गुरेज हो सकता है लेकिन गुनाहगार से नहीं.. तब तो जैसे अनेक कैदी भाई बहनों की भावनाऐं उभर आई.. और खड़े होकर तालियां बजाने लगे.. इसके पश्‍चात जिला जेल अधीक्षक प्रभात कुमार के सद्‌प्रयासों से स्वयं कैदियों द्वारा देशी गाय के गोबर निर्मित सुन्दर सुन्दर राखियां हर कैदी की कलाई पर ब्रह्माकुमारी बहनों से आत्म स्मृति का तिलक लगाकर बांधी और इन बाल ब्रह्मचारिणी, तपस्विनी बहनों ने अपने स्व हस्तों से निर्मित मिठाई खिलाकर सभी का मुख मीठा किया । जब ब्रह्माकुमारी बहनों ने राखी के बदले हमेशा-हमेशा के लिए अपराध मुक्त बनने की शपथ का आव्हान उन सैकड़ों कैदियों से किया तो बहुत ही उमंग उत्साह से सभी ने अपने हाथ खड़े करके भविष्य में अपराध मुक्त बनकर जेल में शालीन आचरण करने की शपथ ली । कार्यक्रम के प्रारंभ में सहायक जेल अधीक्षक वाय.के.मांझी ने आगन्तुक अतिथियों का परिचय दिया तथा स्वागत भाषण जेल अधीक्षक प्रभात कुमार ने देते हुए कहा कि – ‘‘ब्रह्माकुमारी संस्थान में एक्सेप्ट किया जाता है.. किसी को रिजेक्ट नहीं..। इस संस्थान का समर्पण और अनुशासन तो मैंने नीमच में पधारी शिवानी दीदी जी के कार्यक्रम में अपनी आंखों से देखा, जब 10 हजार श्रोता और सैंकड़ों वाहन बिना किसी आवाज के अपने घर तक चले गए.. ।’’कार्यक्रम के समापन समय पर सभी कैदी भावुक हो उठे.. और बहनों के पुन: आगमन की प्रार्थना की । 

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें