गांधीनगर: नर्तन डांस अकादमी, गांधीनगर के कलाकारों को राजयोगिनी कैलाश दीदीजी ने सम्मानित किया

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गांधीनगर,गुजरात: राजनेताओं के लिए ‘प्रेरणादायक नेतृत्व के लिए दैवी शक्तियों की प्राप्ति और वरदान’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलनके उदघाटन में नर्तन डांस एकेडेमी गांधीनगर के कलाकारों द्वारा पेश की गई उत्कृष्ट कल्चरल प्रस्तुती के लिए गांधीनगर प्रभारी राजयोगिनी कैलाश दीदीजी ने सम्मानित किया।ब्रह्माकुमारीज, सेक्टर 28, गांधीनगर में आयोजित उक्त सम्मान कार्यक्रम के प्रारंभ में परमपिता परमात्मा शिवबाबा के आह्वान के बाद कलागुरु हार्दिका शुक्ला भट्ट द्वारा प्रस्तुत ‘ये मत कहो खुदा से, मेरी मुश्किलें बड़ी है, मेरी मुश्किलों से कह दो मेरा खुदा बड़ा है’ पर सुंदर नृत्य प्रस्तुत कर सभी का दिल जीत लिया।खुशियों के इस खूबसूरत माहोल में आदरणीय दीदीजी अपने उद्बोधन में के जिन्होंने आबू सम्मेलन में सांस्कृतिक रचना प्रस्तुत की थी वे नर्तन डांस अकादमी, गांधीनगर की कला गुरु हार्दिका शुक्ला भट्ट सहित सभी कलाकार आयुषी शर्मा, खुशाली उपाध्याय, धिमही दवे, पूनम भगोरा, नेहलबेन भट्ट, कृष्णाबेन त्रिवदी, दूर्वा व्यास, नमस्वी शाह, यास्क गांधी की यादगार प्रस्तुति की सराहना की और उन्हे  इस महान कला की राह पर बहुत बहुत आगे बढ़ें तथा राष्ट्रीय एवम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नर्तन डांस अकादमी गांधीनगर के साथ-साथ राजधानी शहर गांधीनगर और भारत का नाम रोशन करने के लिए दिल से आशीर्वाद दिया।इस सम्मान कार्यक्रम में दीदी जी ने सभी को आत्म स्मृति तिलक कर, पुष्पगुच्छ  और एक सुंदर प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया तब सभी के चेहरे अनोखी खुशी, आनंद और गर्व से चमक रहे थे।उत्साह के इस माहौल से प्रेरित होकर आदरणीय दीदीजी ने भी अपनी सुरीली आवाज में एक सुंदर गीत ‘अकेले ही तो आया था, अकेले हमको जाना है, विकारो में न फंस बंदे, तुझे सतयुग में जाना है’ प्रस्तुत कर सबको सतयुग की अलौकिक यात्रा पर ले गईं।अंत में, कलागुरु हार्दिका शुक्ला ने नर्तन डांस अकादमी की ओर से कैलाश दीदीजी और ब्रह्माकुमारीज़ को इस हार्दिक सम्मान के लिए दिल से धन्यवाद दिया।

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