देहरादून, उत्तराखंड। राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार देवभूमि उत्तराखंड में उत्तराखंड राज्य की स्थापना के 23 वर्ष पूरे होने और 24 वें वर्ष में प्रवेश करने के अवसर पर पधारी महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तीन दिनों तक उत्तराखंड राज्य की रौनक बनी रही।इस दौरान उन्होंने जहां पंतनगर विश्वविद्यालय व हेमवती नन्दन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह की मुख्य अतिथि रही, वही राज्य स्थापना समारोह की भी वे शान बनी। स्वयं एक ब्रह्माकुमारी होने के कारण उन्होंने देहरादून में ब्रह्माकुमारीज संस्था के वरिष्ठ पदाधिकारियों से मिलने का बुलावा भेजा और 8 नवंबर की शाम 5 बजे राजभवन में उनसे मिलकर ईश्वरीय चर्चा की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राजभवन मिलने गए ब्रह्माकुमारीज संस्था के भाई बहनों ने जहां राष्ट्रपति मुर्मू का जोरदार स्वागत किया और उन्हें परमात्मा शिव का चित्र भेंट कर तथा शाल ओढ़ाकर उनका अभिनन्दन किया,वही उनके साथ ईश्वरीय ज्ञान की चर्चा भी की। ब्रह्माकुमारीज की सब-जोनल इंचार्ज राजयोगिनी बीके मंजू के नेतृत्व में ब्रह्माकुमारीज मिडिया विंग के राष्ट्रीय संयोजक बीके डा० शांतनु भाई जी ,हरिद्वार सेवा केंद्र प्रभारी बीके मीना, रुड़की सेवा केंद्र प्रभारी बीके गीता,ब्रह्माकुमारीज मिडिया विंग की कार्यकारी सदस्य बीके वैशाली,बीके सोनिया और वरिठ भाई राजयोगी बीके सुशील भाई ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उत्तराखंड में चल रही ईश्वरीय सेवाओं से अवगत कराया।
राजयोगी बीके शांतनु ने उन्हें हाल ही में देहरादून, हरिद्वार, रुड़की व ऋषिकेश में हुई ब्रह्माकुमारीज के मिडिया विंग द्वारा आयोजित मूल्यनिष्ठ मीडिया कांफ्रेंस की उपलब्धियों के बारे में बताया और जानकारी दी कि संस्था का लक्ष्य मीडिया को आध्यात्म से जोड़कर उन्हें सकारात्मक पत्रकारिता के लिए प्रेरित करना है।राजयोगिनी बीके मंजू ने ब्रह्माकुमारीज के पंजाब जोन जिसमे उत्तराखंड भी शामिल है,में दादी चन्द्रमणि जी व दादी जानकी जी द्वारा समय समय पर दिए गए मार्गदर्शन व धार्मिक प्रभाग की चेयरपर्सन रही राजयोगिनी प्रेमलता बहन जी द्वारा की गई संत समाज की सेवाओं का उल्लेख किया।राष्ट्रपति ब्रह्माकुमारीज की राज्य में ईश्वरीय सेवाओं को देखकर बहुत खुश हुई और ब्रह्माकुमारीज भाई बहनों से नई पीढ़ी के चरित्र निर्माण के लिए वातावरण विकसित करने की बात कही।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ब्रह्माकुमारीज सेवा केंद्र हरिद्वार आने का निमंत्रण भी दिया गया।