रंगेली ,नेपाल। सकारात्मक परिवर्तन से आत्मविश्वास बढ़ता है और आत्मविश्वास से कुछ कर गुज़रने का साहस पैदा होता है। इसी साहस से उत्पन्न बल से व्यक्ति कठिन से कठिन समस्या को सुलझा लेता है।वर्तमान समय जितनी भी समस्या हैं उन सबका कारण है नकारात्मक सोच। नकारात्मक सोच से तनाव बढ़ता है। तनाव मुक्त बनने के लिए सकारात्मक विचार संजीवनी बूटी है। सकारात्मक विचार से ही मुक्ति संभव है। उक्त उदगार माउंट आबू से ब्रह्माकुमारीज के मुख्यालय से पधारे हुए बी के भगवान भाई जी ने कहे | स्थानीय ब्रह्माकुमारीज राजयोग सेवाकेंद्र में सकारत्मक परिवर्तन से जीवन में खुशहाली विषय पर बोल रहे थे |
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार एक बीमार न होने वाले व्यक्ति को पूरा स्वस्थ नहीं कहा जाता है उसी प्रकार एक नकारात्मक सोच न रखने वाले व्यक्ति को सकारात्मक सोच वाला नहीं कहा जा सकता । सकारात्मक सोच रकने वाले लोगों का एक अलग ही पहचान होता है ।19वीं सदी तर्क की थी, 20वीं सदी प्रगति की रही और 21वीं सदी तनाव पूर्ण होगी। ऐसे तनावपूर्ण परिस्थितियों में तनाव से मुक्त होने सकारात्मक विचारों की आवश्यकता है।उन्होंने बताया कि मन में लगातार चलने वाले नकारात्मक विचारों से दिमाग में विभिन्न प्रकार के रासायनिक पदार्थ उतरकर शरीर में आ जाते हैं। इनसे अनेक बीमारियां होती हैं। मन के नकारात्मक विचारों से मनोबल, आत्मबल कमजोर बन जाता है।
स्थानीय ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र की प्रभारी बी के जशोदा बहन जी ने कहा कि जहां तनाव है वहां अनेक समस्याएं बढ़ जाती हैं। तनाव के कारण आपसी मतभेद, टकराव बढ़ जाते हैं।
समाजसेवी-कुल प्रसाद भाई जी ने कहा कि जहां तनाव है वहां मानसिक अशांति के वश होकर मनुष्य व्यसन, नशा, डिप्रेशन के वश हो जाता है।
चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाअध्यक्ष —श्री कृष्णा अग्रवाल जी भी ने बताया कि मन चलने वाले नकारात्मक विचारों के कारण ही मन में घृण, नफरत, बैर, विरोध, आवेश और क्रोध उत्पन्न होता है।
ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र सिजुवा की प्रभारी बी के सुशीला बहन जी ने ब्रह्माकुमारी संस्था का परिचय विस्तार से दिया उन्होंने कहा की राजयोग जीवन जीने की कला सिखाता है
बी के मनजुशा बहनजी ने भी अपना उद्बोधन किया.