रीवा : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्थान झिरिया में साहित्यकारों की एक परिचर्चा का आयोजन किया गया

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साहित्यकार साहित्य का सृजन  और सृष्टि कर्ता का प्रथम सृजन हार  है- ब्रह्मा कुमार वेणुगोपाल माउंट आबू राजस्थान

साहित्यकार युग शिल्पी होता है और युग की धारा को मोड़ने वाला साहित्यकार ही है  । डॉ  ज्ञानवती अवस्थी, मानस विदुषी

रीवा, मध्य प्रदेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्थान झिरिया में साहित्यकारों की एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विषय था सकारात्मक विश्व के निर्माण में साहित्यकारों का योगदान। यह कार्यक्रम कला एवं संस्कृति प्रभाग के तत्वावधान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ देवेंद्र कुमार सारस केंद्रीय जेल अधीक्षक  उमरिया विशिष्ट अतिथि  के रूप में डॉक्टर चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी चंद्र ,डॉक्टर रामसरोज द्विवेदी” शांतिदूत”, नारायण डिगवानी , शायर हशमत रीवानी, उपस्थित रहे जबकि कार्यक्रम की गरिमामय अध्यक्षता मानस विदुषी डॉक्टर ज्ञानवती अवस्थी  ने किया। कार्यक्रम का प्रथम आशीर्वचन कला एवं संस्कृति प्रभाग की जोनल कोऑर्डिनेटर राजयोगिनी बी के निर्मला दीदी ने किया और कहा कि साहित्यकार समाज को अपने लेखन से नई दिशा देकर नए युग का सृजन करता है,। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता माउंट आबू राजस्थान से ब्रह्मा कुमार वेणुगोपाल जी पीस ऑफ माइंड के प्रोग्राम डायरेक्टर उपस्थित रहे और उन्होंने अपने  वक्तव्य में कहा कि साहित्यकार समाज को संदेश देता है की योग्य रचना रच कर समाज का मार्गदर्शन करे।  अपने संबोधन में मानस विदुषी डॉक्टर ज्ञानवती अवस्थी ने कहा कि साहित्यकार अपने समर्पण भाव से ईश्वरीय कृपा का पात्र बनकर मानवता का मार्गदर्शन करता है ,वह युग शिल्पी और नवयुग का सृजन करता  होता है ।यदि वह लोभ और लालच से असंयमित   और अशुद्ध रचना लिखता है वह तो वह अपयश का भागी बनता है, समाज में वह कभी भी स्वीकृति वा सम्मान प्राप्त नहीं करता है। डा  चंद्रिका प्रसाद दिवेदी चंद्र  ने देश काल और श्रेष्ठ रचना लिखने का संदेश साहित्यकारों को दिया। दो राम सरोज द्विवेदी शांतिदूत,नारायण डिगवानी, हसमत रीवानी ने समाज का मार्गदर्शन करने वाला युग की धारा को मोड़ने वाला श्रेष्ठ साहित्य लिखने का आह्वान किया। इस अवसर पर अमित कुमार द्विवेदी, नागेंद्र मिश्र मणि, इंदिरा अग्निहोत्री ,   गया प्रसाद श्रीवास, शिवानंद द्विवेदी ,वंदना मिश्रा ,नाज़नीन, प्राचार्य दीपक तिवारी, ने अपने-अपने विचारों से साहित्यकारों से उत्तम, स्वस्थ और समाज उपयोगी  रचना का सृजन करने का सभी को संदेश दिया। इस अवसर पर कला एवं संस्कृति प्रभाग के नारायण डिगवानी दुष्यंत ने सभी रचनाकारों को श्रेष्ठ साहित्य लिखने  का आह्वान करते हुए आभार व्यक्त किया। इस परिचर्चा का विद्वत्तापूर्ण संचालन वरिष्ठ कवियत्री विदुषी डॉक्टर  अरुणा पाठक ने किया राज योग मेडिटेशन बीके डॉक्टर अर्चना एवं बीके नम्रता बहन  ने कराया।

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