मुख पृष्ठआजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओरनागपुर: दो दिवसीय महाराष्ट्र योग शिक्षक संघ संमेलन 2023

नागपुर: दो दिवसीय महाराष्ट्र योग शिक्षक संघ संमेलन 2023

शारीरिक योगा के साथ संतुलित भोजन , और मन को सकारात्मक बनाने कि आवश्यकता-भगवान भाई

नागपुर (महाराष्ट्र):

वर्तमान में अगर जीवन को स्वस्थ बनाना चाहते हो तो शारीरिक योगा के साथ संतुलित भोजन , और मन को को सकारात्मक बनाने कि आवश्यकता है | मन में चलनेवाले नकारात्मक विचारो के कारण शरीर भी बीमार हो जाता है | मन के नकारात्मकता के कारण आपसी संबध में दुरिया बनती जा रही है | मन के नकारात्मकता के कारन आपराध बढ़ते जा रहे है , नशा व्यसन बढ़ते जा रहे है , सुसाईट केस बढती जा रही है | इसलिय वर्तमान में सकारात्मकता कि आवश्यकता है |  उक्त उदगार माउंट आबू राजस्थान से प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहे| महाराष्ट्र योग शिक्षक संघ संमेलन सकारात्मक चिंतन द्वारा मन और तन कि तंदरुस्ती  विषय पर बोल रहे थे |

उन्होंने कहा कि सकारात्मकता का आधार है राजयोग | राजयोग द्वारा मन के नकारात्मकता पर अंकुश लगाकर मन को सयमित किया जा सकता है | उन्होंने बताया कि शारीरिक योगा के साथ अगर हम राजयोग का आभ्यास करेंगे तब ही हम हेल्दी , वेल्दी और हैप्पी जीवन शैली बना सकते है | उन्होंने बताया कि ब्रह्माकुमारीज द्वारा भारत का प्राचीन राजयोग विश्व के 140 देशो में सिखाया जा रहा है |जिससे अनेक साधक अपना जीवन निर्विकारी , व्यसन मुक्त , अपराधमुक्त जीवन जी रहे है |

शर्मा मैडम जी ने  राष्ट्रिय योग शिक्षक संघ के तरफ से भगवान भाई के 5000 से अधिक  स्कुल में  और 800 से अधिक  जेल में राजयोग का का प्रशिक्षण दिया जिस कारण मेमोंटो देकर सन्मान दिया |

मंच संचालन -कृति तिवारी जी ने कहा बी के भगवान् भाई जी ब्रह्माकुमारी के योग प्रशिक्षक है जिन्होंने भारत और नेपाल के कोने कोने में राजयोग प्रशिक्ष्ण दिया है बी के भगवान् भाई भी सांगली महारष्ट्र से है सभी को इनके कार्य से प्रेरणा लेनी चाहिए |

जितेन्द्र नाथ महाराज जी ने भाई ब्रह्माकुमारी के कार्य कि प्रसंसा किया |

बी के वर्षा बहन जी संचालिका , स्थानीय ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवाकेंद्र , महल (नागपुर) महाराष्ट्र

कार्यक्रम में सीनियर राजयोगी बी के प्रेमप्रकाश भाई जी , बी के जयश्री बहन , बी के पंढरीनाथ  भाई  भी उपस्थित थे |

कार्यक्रम के अंत में बी के भगवान भाई जी ने मन को एकाग्र करने हेतु राजयोग मेडिटेशन कराया |

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