हिंगना (महाराष्ट्र ):
सकारात्मक सोच द्वारा विपरित परिस्थिति में भी मन में हलचल से उत्त्पन्न नही हो सकती है निराशा में भी आशा की किरण दिखने लगती है। अपनी समस्या को समाप्त करने एवं सफल जीवन जीने के लिए विचारों को सकारात्मक बनाने की बहुत आवश्यकता है। उक्त उदगार माउंट आबू राजस्थान से प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहे| संकल्प व्यसन नशा मुक्ति केंद्र , में सकारात्मक विचारो से तनाव मुक्त , व्यसन नशा मुक्त विषय पर कार्यक्रम में बोल रहे थे |
उन्होंने कहा कि समस्याओं का कारण ढूढने की बजाए निवारण ढंूढ़े। उन्होंने कहा कि समस्या का चिंतन करने से तनाव की उत्पत्ति होती है। आज 70% व्यसन ,नशा और ड्रग्स का कारण मानसिक तनाव है उन्होंने बताया कि जीवन को रोगमुक्त,दीर्घायु, शांत व सफल बनाने के लिएहमें सबसे पहले विचारों को सकारात्मक बनाना चाहिए। राजयोगी भगवान भाई ने कहा कि सकारात्मक विचार से समस्या समाधान में बदल जाती है। एक दूसरों के प्रति सकारातमक विचार रखने से आपसीभाई चारा बना रहता है। सकारत्मक विचारो से मन शांत रहेगा उन्होंने सत्संग एवं आध्यात्मिक ज्ञान को सकारात्मक सोच के लिए जस्री बताते हुए कहा कि हम अपने आत्मबल से अपना मनोबल बढ़ा सकते है। इस अवसर पर बी के भगवान् भाई ने कहा कि मन में चलने वाले लगातार नकारात्मक विचार वर्तमान में अनेक समस्याओं का कारण बनते |उन्होंने कहा कि सकारात्मक रहने से हर समस्या का समाधान निकलता है। बुराई में भी अच्छाई देखने का प्रयास करने से मन पर काबू पाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि मन में चलने वाले विचारों से ही स्मृति, वृत्ति, भावना, दृष्टिकोण और व्यवहार बनता है। अगर मन के विचार नकारात्मक होंगे तो स्मृति, दृष्टि, वृत्ति, भावना, व्यवहार भी नकारात्मक बनता है। ऐसा होने से मन में तनाव पैदा होता है। मन के विचार ही वास्तव में बीज है। भगवान भाई ने सकारात्मक विचारों को तनाव मुक्ति की संजीवनी बूटी बताया। उन्होंने बताया कि स्वयं की रक्षा करने वाला ही देश की रक्षा कर सकता है।
• प्रोजेक्ट डायरेक्टर—मनीषा प्रधान जी कहा कि मन के नकारात्मक विचारों से ही तनाव उत्पन्न होता है। तनाव से मुक्ति के लिए सकारात्मक विचारों की आवश्यकता है।
· प्रोजेक्ट डायरेक्टर—मनीषा प्रधान जी ने कहा कि सकारात्मक विचारों का स्त्रोत आध्यात्मिकता है। उन्होंने बताया वर्तमान समय स्वयं को सकारात्मक बनाने की आवश्यकता है। सकारात्मक सोचने वाला हर परिस्थिति को स्वीकार कर विजयी बन सकता है। उन्होंने कहा राजयोग के नित्य अभ्यास से ही हमारा मनोबल और आत्मबल बढ़ता है।
· बी के संगीता बहन जी ने ॐ कि ध्वनी कराइ और ॐ ध्वनी का महत्व भी बताया उन्होंने ने बताया हम कोन ,परमात्मा कोन राजयोग का महत्व भी बताया ने कहा कि वर्तमान की परिवेश में हर एक को किसी न किसी बात का तनाव जरूर होता है। उन्होंने ब्रह्माकुमारीज द्वारा बताई गई बातों को अमल में लाकर तनाव से मुक्त रहने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि अपनी सकारात्मक सोच बनाकर जीवन को सफलता दिलाते है। इसीलिए अपने सोच को सदा सकारात्मक रखें। अंत में ब्रह्माकुमारी सस्था का परिचय दिया भगवान भाई ने तनाव मुक्त हेतु और नशा मुक्त हेतु और मनोबल, आत्मबल बढ़ाने के लिए राज योग भी कराया
· कार्यक्रम के बाद आत्म उन्नति हेतु ब्रह्माकुमारी सस्था का साहित्य भी बंटा गया
· कार्यक्रम के अंत में नशा और तनाव मुक्ति हेतु मेडिटेशन भी कराया गया