संस्था की प्रथम मुख्य प्रसाशिका मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती जी का 57वाँ पुण्य स्मृति दिवस मनाया

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सादाबाद(उ.प्र.) ज्ञान और शक्तियों की चैतन्य अवतार मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती जी का आज ब्रह्माकुमारीज “शिव शक्ति भवन” में अव्यक्त स्मृति दिवस मनाया गया। 
आज ब्रह्ममहुर्त से ही सभी ब्रह्मावत्स साधको ने गहन योग तपस्या कर सारे विश्व में  शांति के प्रकम्पन्न फैलाए।  उसके उपरांत कार्यक्रम में आये सभी मेहमानों ने  मातेश्वरी जी  के छवि चित्र पर  पुष्प द्वारा श्रद्वांजलि अर्पित की। 
 वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका  राजयोगिनी बी.के.भावना बहिनजी ने कहा ज्ञान का प्रकाश  जीवन को आलौकित करता है। परन्तु मानवता के इतिहास में ऐसी भी महान  विभूति हुए है जो स्वयं ज्ञान का प्रकाश बनकर इस संसार को इतना आलौकिक कर देते है , कि ज्ञान प्रतिमूर्ति के रूप में उनकी स्मृतिया युगो युगो तक अज्ञानता के तिमिर का शमन करके ज्ञान के  प्रकाश से  मानव हृदय को आलौकिक करती रहती है। ऐसी थी संस्था की प्रमुख मुख्य प्रसासिका मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती जी, जिन्होंने नरियों के लिए पूर्णतः निषेध कर दिए गये धर्म के प्रवेश द्वार को खोलने के लिए अहम भूमिका अदा की।  उन्होंने अपने दिव्य व्यक्तित्व के चुंबकीय आकर्षण से हजारों नारियों को स्वयं परमपिता परमात्मा द्वारा इस सृष्टि के परिवर्तन के महान कार्य के लिए निमित्त बनाकर जो नव सृजन की राह दिखाई, वह वर्तमान में भी नारी सत्ता द्वारा संचालित ब्रह्माकुमारीज के रूप में समस्त संसार को अलौकिक कर रहा है। 
भारतीय स्टेट बैंक मुरसान शाखा के मैनेजर श्री शम्भू दयाल जी ने कहा कर्म और योग का अदभुत समन्वय ब्रह्मा की मानस पुत्री श्री मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती जी में था आज भी उनकी सूक्ष्म उपस्थिति ब्रह्मावत्सो  को जीवन पथ पर अचल अडोल होकर कर्मयोग को प्रेरणा प्रदान कर रही है।
मुरसान क्षेत्र के ग्राम पंचायत तसिगा के प्रधान अमर सिंह जी कहा कि ब्रह्माकुमारीज मुख्यालय माउंट आबू से आया हूँ ,वँहा मैने अनुभव किया कि धरती पर अगर स्वर्ग कहीं है तो वह माउंट आबू में  है। जँहा असीम शांति व अपार सुख की अनुभूति होती है। सभी को एक बार अवश्य   वँहा जाकर देखना चाहिए समाज को एक  नई दिशा देने का कार्य विशाल स्तर पर चल रहा है। 

मुरसान से आयी बी.के. बबिता बहनजी  ने अपने उदगार प्रकट करते हुए कहा कि वास्तव में मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती के दिखाए गये कर्म साधना के पथ पर चलते हुए राजयोग की साधना द्वारा रूद्र यज्ञ रक्षक, आज्ञाकारी और निरंहकारी बनकर मानवता की सेवा में समर्पित रहे यही हम सभी ब्रह्मावत्सो की सच्ची श्रद्वाजलि होंगी।कार्यक्रम में रामबाबू बघेल ,बी.के.राधा बहिन , बी.के. कमलेश  बहिन,  रमा बहिन ,संतोष भाई,  पूजा बहिन ,कमलेश वर्मा  आदि अनेक भाई बहिन उपस्थित रहे।

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