दिल्ली: ‘तनाव मुक्त जीवनशैली’ विषयक गोष्ठी

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दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), जो कि भारत सरकार की  प्रमुख जांच संस्‍था है, में ‘तनाव मुक्त जीवनशैली‘ विषयक गोष्ठी में बेंगलुरु, चेन्नै, हैदराबाद, मुंबई, गांधीनगर, भोपाल, गुवाहाटी, लखनऊ, जयपुर, चंडीगढ़ इत्यादि स्थानों से पधारे  पुलिस अधीक्षक (एसपी), उपपुलिस अधीक्षक (डीएसपी), निरीक्षक (इंस्पैक्टर), उप निरीक्षक (सब – इंस्पैक्टर) स्‍तर (60) के अधिकारियों ने भाग लिया।

बीके पीयूष भाईजी, अंतरराष्‍ट्रीय प्रेरक वक्‍ता, नई दिल्‍ली ने कहा कि आज सबसे बड़ा भय या तनाव मृत्‍यु का है। यहां गीता से हम सीख सकते हैं अर्जुन को बताया गया जिसे तुम मृत्‍यु समझते हो वह तो नव जीवन की शुरूआत है। आत्‍मा न कभी मरती है और न ही कभी जन्‍म लेती है। आत्मा केवल अपना चोला ही बदलती है। हमें तनाव से मुक्ति हेतु घरबार नहीं छोड़ना, परिवार नहीं छोड़ना, समाज नहीं छोड़ना अपितु हमें सभी कार्य निर्लिप्त भाव से करने हैं। तो अवश्य ही हमारी कार्यक्षमताएं बढ़ जाती हैं और तनाव भी कम हो जाता है।  

श्री वीके शुक्‍ल, पुलिस अधीक्षक, केन्‍द्रीय अन्‍वेषण ब्‍यूरो (सीबीआई), नई दिल्‍ली ने कहा हमारे जीवन में जो भी घटना घटित होती है उसमें कुछ न कुछ कल्‍याण समाया होता है हमें सदैव उस अच्‍छाई को ही देखना है तो अवश्‍य ही हमारा तनाव कम हो सकता है। आज के सत्र में अत्यंत ज्ञानवर्धक बातें बताई गईं हम सभी उनको अपने जीवन में अवश्‍य ही धारण करना चाहेंगे तथा तनाव रहित जीवन जीने को पुरूषार्थ करेंगे।

श्री एसडी मिश्र, पुलिस अधीक्षक, केन्‍द्रीय अन्‍वेषण ब्‍यूरो (सीबीआई), नई दिल्‍ली ने कहा आज तनाव आम व्यक्ति का रोग बन गया है। जिसके कारण हमारे जीवन में निराशा और हताशा आती जा रही है। ब्रह्माकुमारीज के वक्ताओं ने हमारा बहुत ही सुंदर मार्गदर्शन किया है हम सभी उनके आभारी हैं और चाहेंगे कि ऐसे आयोजन समय प्रति समय भविष्य में भी अवश्‍य ही होते रहें।

कार्यशाला में ग्रुप एक्टिविटीज, प्रश्‍नोत्‍तर एवं सामूहिक योगाभ्‍यास भी कराया गया। प्रतिभागियों ने कार्यक्रम की मुक्‍त कंठ से सराहना की।

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