भिलाई, छत्तीसगढ़: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडिटोरियम में सोवियत रूस से आई ब्रह्माकुमारी संतोष दीदी जी ने भारत दैवीय भूमि की महिमा के बारे में बताते हुए कहा की भारत आदि सनातन धर्म विश्व का मानचित्र था , वही ईश्वर का कुटुंब था भारत ही विश्व था।
रूस में राजयोग सीखने के बाद सब की भावना बदल जाती है,वह भी स्वयं को कहते हैं कि हम भी भारतवासी हैं।
आपने “सत्यम शिवम सुंदरम” का अर्थ बताते हुए कहा कि भारत में इसका गायन है लेकिन राजयोग के माध्यम से इसे हमने जिया है, जाना है परमात्मा को।
स्नेह की मन की तार जो परमधाम में परमात्मा तक पहुंचे,अनुभव करे परमात्मा से हसीन कोई नहीं है।
डिवाइन ग्रुप के बच्चों द्वारा सुंदर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसमें रूस के सहयोग से भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना जो कि वर्तमान में पूरे विश्व को पटरियों के माध्यम से जोड़ने का कार्य कर रहा है, साथ ही साथ भिलाई मिनी इंडिया दिलों को जोड़ने का भी कार्य कर रहा है।
जोन की निदेशिका हेमलता दीदी तथा भिलाई सेवा केंद्रों की निदेशिका ब्रह्माकुमारी आशा दीदी जी ने ब्रह्माकुमारी संतोष दीदी जी का स्वागत किया।
मुख पृष्ठ आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर भिलाई: भारत आदि सनातन धर्म विश्व का मानचित्र था ,भारत ही विश्व...