रूह को तरु से जोड़ने का नाम है कल्पतरुह- ब्रह्माकुमारीज़ एक साथ लगाए गए 50 पौधे, कल्पतरुह ऐप से किया गया रजिस्टर्ड
प्रकृति के सानिध्य में योगा करने से मिलेगी शुद्ध ऑक्सीजन पद्मासन के साथ पद्म (कमल) समान बनने पर ही हमारा ध्यान होना चाहिए- बीके शैलजा छतरपुर,मध्य प्रदेश। कहा जाता है कि संसार हो हरा भरा तो झूमेगी वसुंधरा। इस धरती पर खुशहाली लाने का आधार हरे भरे वृक्ष ही हैं प्रकृति से ही हमें प्राणवायु मिलती है। यदि वृक्ष नहीं होंगे तो ऑक्सीजन कहां से मिलेगी। कोरोना काल में सभी ने देखा की ऑक्सीजन की कमी के कारण कितने लोगों को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ा, परिवार के परिवार तबाह हो गए और इन सभी का मूल कारण है कि आज हमारा प्रकृति से जुड़ाव खत्म होता जा रहा है। एसी कूलर की हवा तो हम ले रहे हैं लेकिन उससे हमारी कार्य क्षमता घट रही है। जो व्यक्ति जितना प्रकृति के सानिध्य में रहता है उतना ही वह व्यक्ति शक्तिशाली और स्वस्थ रहता है। प्रकृति की गोद में योगासन करने से हमें शुद्ध ऑक्सीजन मिलती है जो हमारे फेफड़ों को मजबूत करती है। हमें पद्मासन के साथ-साथ पदम समान माना कमल पुष्प सम जीवन को बनाने की ओर भी ध्यान देना चाहिए।
उक्त उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय छतरपुर किशोर सागर द्वारा छत्रसाल नगर में कल्पतरुह अभियान एवं अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में छतरपुर सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी शैलजा बहन जी ने व्यक्त किए।
इस अवसर पर सर्वप्रथम 50 वृक्ष लगाए गए और एक वृक्ष की जिम्मेदारी एक व्यक्ति को सौंपी गई और वह पौधा कल्पतरुह ऐप में रजिस्टर्ड कराया गया ताकि उस पेड़ के लिए वह व्यक्ति जिम्मेदार हो जाए और उसकी 75 दिन तक संभाल करे।
तत्पश्चात सभी को उसी स्थान पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में बीके छत्रसाल, अप्पू , पंकज भाई एवं धीरज भाई द्वारा योगाभ्यास कराया गया जिसमें सभी ने भाग लिया और स्वयं को प्रकृति से जोड़कर रखने का संकल्प लिया।
इस मौके पर पीडब्ल्यूडी इंजीनियर सुनील कुमार जैन, प्रोजेक्ट अकाउंट ऑफीसर राजेश रुपौलिहा, ब्राह्मण समाज अध्यक्ष कमलेश शुक्ला, समाजसेवी एल आर पटेल,हिंद फर्नीचर से शशांक श्रीवास्तव, बीके माधुरी बीके रीना, बीके रजनी एवं अन्य भाई बहनें उपस्थित रहे।