बहल ( हरियाणा): आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर के अन्तर्गत ब्रह्माकुमारीज के बहल सेवा केंद्र पर संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती के 57 वें पावन पुण्य स्मृति दिवस पर ग्रामीण महिलाओं की नृत्य प्रतियोगिता रखी गई जिसमें सैकड़ों महिलाओं ने बहुत उमंग उत्साह से भाग लिया ।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए बहल सेवा केंद्र संचालिका बीके शकुंतला ने मातेश्वरी जी के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए कहा कि 1937 में मात्र 17 वर्ष की आयु में वह संस्था में आयी और अपनी मातृवत पालना, मधुर वाणी और प्रशासनिक कुशलता की विशेषता से संस्था के साकार संस्थापक ने उन्हें प्रशासनिक कार्यभार सौंप दिया । उनकी निस्वार्थ ,सर्वस्नेही व्यवहार ने सभी का हृदय जीत लिया । इसलिए महिलाओं का एक बड़ा समूह उनके पद चिन्हों पर चल पड़ा । वह केवल प्रशासिका ही नहीं बनी अपितु उन्होंने हजारों प्रशसिकाएँ तैयार की जो आज देश-विदेश में भारत के प्राचीन राजयोग, अहिंसा और करुणा और अध्यात्म का प्रसार कर रहे हैं। बीके शकुंतला ने उपस्थित महिलाओं को भयमुक्त होकर अन्याय का प्रतिरोध करने का आवाहन किया ।उन्होंने कहा कि अन्याय करने से भी अन्याय सहन करना अधिक बुरा है । उन्होंने महिलाओं में प्रभु प्रेम से सराबोर भजन गाने और उन पर नृत्य करने की कला की सराहना की । नृत्य प्रतियोगिता में 25 साल की युवा तो 75 साल की बुजुर्ग महिलाओं ने भी भाग लिया । रातों ना सोई ऐ मेरे लगन लाग गई मुरली की ,हो शिव बाबा मेरा लेख लिख दे आदि हरियाणवी भजनों पर महिलाओं ने खूब धमाल मचाई । प्रतियोगिता में माधोपुरा की 60 वर्षीय रोशनी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया । द्वितीय स्थान रामपुरा की 65 वर्षीय संदेश को मिला गोठड़ा की 72 वर्षीय भगीरथी तृतीय स्थान पर रही । निर्णायक की भूमिका में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय झुप्पा की प्रिंसिपल बिमला मैडम और विवेकानंद स्कूल बहल की प्रिंसिपल पृथा जायसवाल ने बखूबी निभाई । केंद्र संचालिका बीके शकुंतला ने सभी विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया । बी के शकुन्तला ने पृथा जायसवाल को शिक्षा पदम पुरस्कार मिलने पर पटका और मोमेंटो देकर सम्मानित भी किया । बी के पूनम व बी के मीनू ने मंच संचालन किया । कार्यक्रम में गोठड़ा, रामपुरा ,माधोपुर ,नकीपुर ,झूली,गरवा,सिवाच गोठयां आदि दर्जन भर गांवों की महिलाएं मौजूद रही ।