ग्वालियर: सकारात्मक परिवर्तन विषय पर आयोजित कार्यक्रम को राजयोगिनी उषा दीदी ने किया संबोधित

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ग्वालियर,मध्य प्रदेश। मनुष्य के भीतर जब सकारात्मक सोचने का संस्कार निर्मित हो जाता है तो व्यक्ति के जीवन में खुशियां आने लगती है, इसलिए  माता-पिता को बचपन से ही बच्चों में प्रेरक कहानियां के माध्यम से सकारात्मक सोच को संस्कारों में डालने का प्रयत्न करना चाहिए” यह विचार ब्रह्माकुमारी के अंतरराष्ट्रीय केंद्र माउंट आबू से पधारी अंतरराष्ट्रीय प्रेरक वक्ता राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी उषा दीदी ने चेंबर ऑफ  कॉमर्स सभागार में सकारात्मक परिवर्तन का वर्ष थीम पर आयोजित कार्यक्रम में सकारात्मक चिंतन से सकारात्मक परिवर्तन विषय पर आयोजित कार्यक्रम में बुधवार को व्यक्त किए। 

राजयोगिनी उषा बहन ने कहा कि आमतौर पर लोग खुद को बदलने से ज्यादा दूसरों को बदलने पर ज्यादा ध्यान रखते हैं करते हैं। परन्तु दूसरों को बदलने की जिम्मेदारी हमारी नहीं है क्योंकि हरेक अपने अनुसार जीने के अधिकार है । हम दूसरों को अपने अनुसार नहीं ढाल सकते। जब हमारा स्वयं का परिवर्तन हो जाएगा तो बहुत कुछ बदल जाएगा । गीता सार भी यही है कि जो हुआ अच्छा हुआ, जो हो रहा है अच्छा हो रहा है , और जो होगा वह भी अच्छा होगा, इसलिए दूसरों की चिंता छोड़कर अपने भीतर परिवर्तन आरंभ करें तो जीवन में सकारात्मक परिवर्तन दिखने लगेगा और अच्छाई ही नजर आने लगेगी । इसके लिए हम अपनी मन वचन और कर्म को बदलें ।

उन्होंने कहा कि हम अपने वार्तालाप के दौरान किन शब्दों का चयन करते हैं हमें अपने शब्दों की गुणवत्ता जांचनी होगी, हमारे शब्द किसी को घाव दे रहे हैं या सुकून। हमारे शरीर का सबसे बड़ा और सबसे अच्छा अंग हमारी जीभ ही है जब वह सकारात्मक बोलती है तो हमारे लिए दुआएं निकलती हैं।
हरेक के साथ साथ अपनी पत्नी की भी प्रशंसा करना सीखें….. उन्होंने कहा कि हमें अपने पारिवारिक सदस्यों के काम की प्रशंसा समय-समय पर करते रहना चाहिए। घर में यदि आप पत्नी के काम की प्रशंसा करेंगे तो इससे घर में एक सकारात्मक वातावरण बनेगा और रिश्तों को मजबूती मिलेगी। पति-पत्नी गाड़ी के दो पहिए होते हैं जो साथ चलते हैं तो जिंदगी की गाड़ी दौडऩे लगते हैं और जीवन सुंदर बन जाता है । एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हुए अपने गृहस्थ जीवन को अच्छा बनाएं । जीवन के अंदर सकारात्मक परिवर्तन के लिए सदैव प्रयत्न करते रहें। हमारे बुरे कर्मो का कोई भागीदार नहीं होता इसलिए सदैव सत्कर्म करें। माता-पिता बच्चों को जन्म तो दे सकते हैं पर भाग्य नहीं बदल सकते। भाग्य तो कर्म से ही बनता है। अपने कर्मो का खाता इतना अच्छा बनाएं कि दूसरों को भी प्रेरणा मिल सके। अपनी सोच वाणी और कर्म से आप जीवन को सुंदर बना सकते हैं।

ग्वालियर केंद्र की प्रभारी आदर्श दीदी ने इस मौके पर सभी को ध्यान कराया। नन्ही नव्या ने स्वागत में सुंदर नृत्य की प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लिया। इस मौके पर रघु भाई, प्रहलाद भाइ, आरके मिश्रा जी, डॉ गुरुचरन सिंह,  चेंबर ऑफ  कॉमर्स के सचिव दीपक अग्रवाल इत्यादि सहित शहर के अनेक गण नागरिक और शहरवासी मौजूद रहे।

अहंकार व भय ने मुस्कराहट छीनी…. शाम के सत्र का भी शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।

शाम के सत्र में  खुशियों को अवसर दो विषय पर बोलते हुए राजयोगिनी बीके उषा दीदी ने कहा कि अहंकार और भय की वजह से मुस्कराहट दूर होती चली जाती है। आजकल छोटे बच्चों का भी अपना ईगो है अगर उनका कहना न मानो तो उनका गुस्सा फूट पड़ता है, ऐसे बच्चों ने मां-बाप की नाक में दम करके रख दिया है।  हर किसी के जीवन मेें कोई न कोई भय जरूर है। हर इंसान भय में जी रहा है। हालात यह है कि लोग घर में बिना वजह मुस्करा नहीं पा रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें बगीचे में जाकर हंसना पड़ता है। -मुस्कराने के लिए वजह मत ढूंढों, क्योंकि छह माह का नन्हा बालक जब मुस्कराता है तो वह पूरे घर में खुशी ला देता है और वातावरण को तनाव मुक्त कर देता है,लेकिन वही बालक जब बड़ा होता है तो उसके जीवन में इतना तनाव, भय और अहंकार भर जाता है कि वह मुस्कराना भूल जाता है। फिर मुस्कराना तो छोड़ो उसके जीवन से खुशी चली जाती है। एक मुस्कराहट से शरीर की 48 मसल्स रिलेक्स हो जाती हैं और यदि हम क्रोध करते हैं तो मसल्स में तनाव आ जाता है। -खुशी में रहना हमारी नेचुरल स्टेज है, लेकिन बड़े होकर हम इतने समझदार हो जाते हैं कि खुशी भूल जाते हैं। -जीवन में पुन: मुस्कराना सीख लें, तो आप न सिर्फ प्रसन्नचित्त बल्कि स्वस्थ भी रहेंगे।

दोनों ही कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। जिसमें भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति समस्त सदस्य आशीष प्रताप सिंह, चेम्बर ऑफ कॉमर्स, सचिव दीपक अग्रवाल, डॉ राहुल सप्रा पूर्व अध्यक्ष आई एम ए ग्वालियर, रोटरी क्लब से जान्हवी रोहिरा, पूर्व अधीक्षक एवं सयुंक्त संचालक जे ए शासकीय अस्पताल डॉ अशोक मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार डॉ. केशव पांडेय, के एस नर्डॉसिंग कॉलेज के निदेशक डॉ  ए एस तोमर, समाज सेवी श्रीमती  प्रिया तोमर, अजय अरोरा, ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के अंत में ग्वालियर महापौर श्रीमती  डॉ शोभा सिंह  सिकरवार, दाल बाजार व्यापार समिति, कॉन्फिडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स के पदाधिकारी, रोटरी सेंट्रल,जे सी आई , आरोग्य भारती सहित अनेकानेक संगठनों ने दीदी जी को स्मृति चिन्ह भेंट कर शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इसके साथ ही कार्यक्रम में वरिष्ठ समाज सेवी राधाकिशन खेतान, व्यवसायी अभय खंडेलवाल, प्रशांत गुप्ता , प्रदीप शर्मा सहित सैकड़ों की संख्या में शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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