40 दिवसीय महाशिव रात्रि महोत्सव ”शिव मेरा पिता मेरे लिए है आया” कार्यक्रम का ब्रह्माकुमारी दीदियों ने किया उद्घाटन…..
स्टॉप स्टैचू खेल द्वारा मन, बुद्धि को व्यर्थ से स्टॉप लगाओ…
भिलाई, छत्तीसगढ़: बेहद सृष्टि रुपी जीवन के खेल में परमात्मा सर्वोच्च कोच है जो सदा साथ भी है और सहयोग भी देता है। परमात्मा दूर देश परमधाम से पराए देश में ब्रह्मा का तन रुपी रथ का आधार लेकर अवतरित होते है। यह बाते सेक्टर 7 स्थित अंतरदिशा भवन के पीस ऑडिटोरियम में भिलाई सेवाकेंद्रो की निदेशिका ब्रह्माकुमारी आशा दीदी जी ने “महाशिव रात्रि महोत्सव” (शिव जयंती) शिव मेरा पिता मेरे लिए है आया आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर कही।
21 मार्च तक चलने वाले महाशिवरात्रि महोत्सव का शुभारंभ सर्व भिलाई सेवा केंद्रों की वरिष्ठ ब्रह्माकुमारी दीदियों ने दीप प्रज्वलन कर विधिवत उद्घाटन किया। आशा दीदी जी ने ”शिव मेरा पिता मेरे लिए है आया” के बारे में बताया की महाशिवरात्रि पर्व परमात्मा शिव का अवतरण दिवस है। जो सच्चे दिल से निस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं उनका पुण्य का खाता जमा होता है। संतुष्ट रह संतुष्ट करने से जीवन परमात्मा दुआओं से संपन्न होता है। आपने बताया की हनुमान जी के हृदय में प्रभु श्री राम सीता का निवास था। ऐसा शुद्ध हृदय हो हमारा जिसमें स्वयं परमात्मा निवास करें । सागर में समाने की शक्ति है जो पूरे दुनिया के कचरे को अपने में समाकर हीरे मोती रत्न देता है।ज्ञान,गुण शक्तियों के सागर परमात्मा के बच्चे हैं हम, परमात्मा से राजयोग द्वारा शक्तियों को लेकर सारी दुनिया को देवता बनकर सभी शक्तियों का दान करना है। मन से दृढ़ संकल्प का हाथ हमे सदा सफलता स्वरूप बनता है, जो सोचा वह होना ही है। आपने स्टॉप स्टैचू खेल द्वारा मन, बुद्धि को व्यर्थ से स्टॉप लगाने का ड्रिल अभ्यास भी कराया।
सभी ब्रह्मा वत्सो ने प्रातः राजयोग सत्र के पश्चात प्रभातफेरी निकाल कर संपूर्ण मौन में राजयोग की शक्तियों को ग्लोब चौक होते हुए सेक्टर 7 तालाब में शांति के प्रकंपन प्रवाहित किये ।