त्रिवेन्द्रम: राजयोग साधना द्वारा सशक्त नारी -भगवान भाई

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त्रिवेन्द्रम (केरल):

सशक्त नारी समाज का आधार स्तंभ है । जहां सशक्त नारी वहीं समाज, परिवार, देश राष्ट्र भी सशक्त बनेगा । उक्त उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय माउंट आबू से आए राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहे। वे स्थानीय ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विद्यालय की शाखा में सशक्त नारी समाज की धरोवर विषय पर एक दिवशीय राजयोग साधना उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रहे थे।

उन्होंने बताया कि नैतिक और आध्यात्मिक द्वारा हम स्वयं को सशक्त बनाकर फिर पूजनीय बन सकते है। उन्होंने बताया कि राजयोग के अभ्यास द्वारा स्वयं को तनावमुक्त बनाकर सशक्त बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि नारी जागी तो समाज जागा और नारी सोई तो समाज सोया। अब आध्यात्मिक ज्ञान से स्वयं को जागृत सशक्त बनाए।

 भगवान भाई ने कहा कि आज के समाज में रूढ़ियां, कुरीतियां, रीतिरिवाज, साम्प्रदायिकता बढ़ने लगी है। इस कुचक्र में नारी फसंती गयी। नारी के अधोपतन से समाज का भी पतन होने लगा है। नारी परिवार की धुरी और समाज की ईकाई है। उन्होंने कहा कि माता संतान की प्रथम गुरू है। वह स्वयं यदि शिक्षित है, गुणवान है, सर्मथ है, सशक्त है आत्मबल आत्म सम्मान महसूस करती है तो वही संस्कार वो संतान को देती है।

उन्होंने आगे बताया कि वर्तमान समय यह देखने में आ रहा है कि नारी अपना कर्तव्य करने में पूर्ण सक्षम नहीं है। उन्होंने बताया कि पाश्चात्य संस्कृति, दूरदर्शन एवं अनेक व्यावसायिक चैनलों एवं पैसों की दौड़ आदि के प्रभाव में नारी आधुनिकता की लहर में अपने नैसर्गिक मूल्यों की अवहेलना कर रही है। इसका प्रभाव समाज पर दिखाई दे रहा है।

बी के साइनी बहन जी ने ट्रांसलेशन का कार्य किया |

स्थानीय  ब्रह्माकुमारी सेवाकेन्द्र की प्रभारी  बी के मिन्नी बहन जी ने अपना उद्बोधन देते हुए कहा कि हम अपने भूतकाल में जाते है तो नारी शक्ति के रूप में पूजी जाती थी । अभी हमें अपने सोच बदलने की, विचारों में परिवर्तन लाने की और अपने शक्ति को पहचानने की आवश्यकता है।

स्थानीय ब्रह्माकुमारी राजयोगसेवाकेंद्र की  बी के आरती बहन ने कार्यक्रम में पधारी हुए माताओ  का धन्यवाद ज्ञापित किया |

कार्यक्रम के अंत में दो दिवसीय राजयोग साधना और नारी सश्क्तिकरन कार्यक्रम का लाभ और अनुभव सुनाया |

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