वृद्ध आश्रम में नहीं स्वयं को वानप्रस्थ में समझ एक संत की भांति सर्व के कल्याण की भावना रखें- बीके कल्पना
छतरपुर,मध्य प्रदेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा आध्यात्मिक सशक्तिकरण के माध्यम से भारत का उदय अभियान चलाया जा रहा है अभियान का मुख्य उद्देश्य वरिष्ठजनों को सकारात्मक जीवन जीने आध्यात्मिक सशक्तिकरण करने तथा उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए ब्रह्माकुमारीज के राजयोगा एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है ताकि वरिष्ठ जन जीवन के अंतिम पड़ाव में सुख शांति से जीवन जी सकें।
इस कार्यक्रम का शुभारंभ छतरपुर ब्रह्माकुमारी किशोर सागर द्वारा दर्शना वृद्ध आश्रम में सामाजिक न्याय विभाग से एआई खान, कलाकार सियाराम नागर, वृद्ध आश्रम संचालिका प्रभा विदु, प्रबंधक हेमंत वैद्य बीके रजनी, बीके कल्पना, प्रीति, सुमन बहन की उपस्थिति में दीप प्रज्वलन कर किया गया।
इस अवसर पर बीके कल्पना ने सभी वृद्धजनों को संबोधित करते हुए कहा कि इसे वृद्ध आश्रम नहीं बल्कि वानप्रस्थ आश्रम समझें। वानप्रस्थ अर्थात वाणी से परे जाकर प्रभु भक्ति में मन रमा रहे और विश्व कल्याण की भावना सदा उस मन में रहे क्योंकि आप सब वरिष्ठजन अपने अपने अपने परिवारों के मुखिया है और परमात्मा हम सब का मुखिया है इसीलिए जब एक मुखिया दूसरे मुखिया से प्रार्थना करेगा तो उसकी प्रार्थना जल्दी सुनी जाएगी और इस विश्व का कल्याण होगा। आप सब दुखिया नहीं मुखिया हैं दुखिया वह है जिन्हें अब आपका मार्गदर्शन नहीं मिल रहा, आपका आशीर्वाद का हाथ उन्हें छू नहीं रहा, आपके अनुभवों का लाभ वो ले नहीं पा रहे हैं और बस भागम भाग भरी जिंदगी में भागते जा रहे हैं इसलिए आप सब की जिम्मेदारी अब एक परिवार की नहीं बल्कि एक संत की भांति समस्त विश्व की है।
बीके रजनी द्वारा सभी को खुश और तनाव से मुक्त रहने के तरीके बताए गए तथा एक्टिविटी कराई गई।
इस कार्यक्रम से सभी वृद्धजन एवं सभी अधिकारी गण संतुष्ट हुए और आगे भी सभी ने ऐसा ही कार्यक्रम करते रहने की अपील करते हुए कहा कि ऐसा प्रशिक्षण हमें अगर रोज मिले तो वास्तव में हम भगवान का ध्यान करते हुए सदा खुश रह सकेंगे।
कार्यक्रम के पश्चात सभी को ईश्वरीय प्रसाद एवं साहित्य प्रदान किया गया।