नागपुर: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में शिवशक्ति स्नेह मिलन का सुंदर आयोजन

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नागपुर, महाराष्ट्र: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में ब्रह्माकुमारीज् का अंतर्राष्ट्रिय प्रोजेक्ट “शिवशक्ति लिडरशिप अप्रोच” के अंतर्गत नारी के चार स्वरूप अनादि, पारम्पारिक, आधुनिक और शक्ति इस विषय को लेकर महिलाओं के लिये शिवशक्ति स्नेह मिलन का सुंदर आयोजन आज ब्रह्माकुमारीज् विश्व विद्यालय के वर्धा रोड, जामठा स्थित विश्व शांति सरोवर में हुआ। कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।

इस अवसर पर माननीय अतिथि राजयोगिनी डाॅ. बी.के. सुनीता दीदी, “शिवशक्ति लीडरशिप अप्रोच” के भारत क्षेत्र के फोकल प्वाइंट पर्सन के साथ श्रीमती रुपाली बहन पवार, डिस्ट्रिक्ट जज, श्रीमती जस्टीस किर्ती बहन शहा, सिविल जज, श्रीमती उर्मिला बहन चांडक, वाइस प्रेसिडेंट, माहेश्वरी महिला मंडल, श्रीमती डाॅ. सुषमा बहन देशमुख, प्रेसिडेंट आॅबे. सोसायटी, श्रीमती छाया बहन चतुर्वेदी, प्रिंसिपल, भारतीय कृष्णा विद्या विहार, श्रीमती किर्ती जांभुलकर, प्रेसिडेंट, डाॅ. रिचा जैन, डायरेक्टर, रिचा क्लिनीक तथा नागपुर विभाग की संचालिका राजयोगिनी बी.के. रजनी दीदीजी, उपसंचालिका राजयोगिनी बी.के. मनीषा दीदी जी उपस्थित थे। इस समय विशेष रूप से शिवशक्ति के टीम मेंबर मुंबई मुलुंड वीणा नगर सेवा केंद्र से बी.के. प्रवीणा दीदी तथा भायखला-घोडपदेव मुंबई से बी.के. मालती दीदी भी नागपुर पधारे थे।

कार्यक्रम में एक वीडियो के माध्यम से मुख्य अतिथि आदरणीय राजयोगिनी सुदेश दीदी जी (संयुक्त मुख्य प्रशासिका, ब्रह्माकुमारीज् मुख्यालय, माउंट आबू और एडवाइजर, शिवशक्ति लीडरशिप, भारत) ने कहां कि आत्मा जो शरीर को चलाती है वो अनादि शक्ति है और आदि शक्ति लक्ष्मी, श्री सीता के गुणों की है। जब मनुष्य अपने ईगो को समाप्त करता है तब माताओं के शक्ति को पहचान उन्हें रिस्पेक्ट दे सकता है। सबसे बड़ी शक्ति सेल्फ रिस्पेक्ट की है। 

माननीय अतिथि राजयोगिनी डाॅ. बी.के. सुनीता दीदी ने ध्यान कराते हुए स्मृति की सुंदर आंतरिक यात्रा के दौरान सभी को एक प्रेरणादायी स्व निरीक्षण करवाया जिससे सभी को अपने अनादि स्वरूप (प्रेम, निर्भयता, स्वतंत्र, पवित्र, दैवी आदि स्वरूप) को पुनः प्राप्त करने हेतु, अपने पारंपरिक स्वरुप के रुढिवाद वृत्तियों से स्वतंत्र, अपने आधुनिक स्वरुप में प्रतिशोध की भावना से मुक्त, अपने आंतरिक आत्मिक शक्ति स्वरुप की स्थिति से स्वयं के परिवर्तन से परिस्थिति पर विजय प्राप्त कर पुनः अपने खोये हुये अनादि स्वरुप को पाने की, नारी के शक्ति स्वरुप की सुखद आंतरिक यात्रा करवाई।

नागपुर विभाग की संचालिका राजयोगिनी बीके रजनी दीदी जी ने कहां कि, परमात्मा का रिश्ता पुराना भी है तो नया भी है। वर्तमान में जब हम अतीत को याद करते तो कुछ वर्षो के बाद लगता है कि यह जीवन अनुभव से सजा हुआ है। नारी के चार स्वरूपों में सेे अनादि आत्मा का स्वरूप नर नारी के रूप में नहीं केवल आत्मिक स्वरुप है, आदि स्वरूप देव-देवी के रुप में है तो मध्य स्वरुप एक ऐतिहासिक, सामाजिक नारी है और अंत स्वरुप में वर्तमान में महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिये हम सब देख रहे है नारी ही है जो कभी घर मे अशांति, दुख का स्वरुप भी बन जाती है तो कभी निवारण स्वरुप भी बन जाती है परंतु हम दिव्यगुणों को अपनाने सेे निवारण स्वरुप बन सकते है। उन्होंने अपने अनमोल अनुभव से सभी को शिवशक्ति बनने की प्रेरणा दी।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में नागपुर विभाग की संचालिका राजयोगिनी रजनी दीदी जी को तथा माउंट आबू, शांतिवन से पधारे डाॅ. बी.के. सुनिता दीदी को 24 स्टार प्राइड क्लब की प्रसिडेंट डाॅ रिचा जैन तथा डायरेक्टर कविता सिंघानिया की ओर से मेमेंटो से सम्मानित किया गया। अंत में उपस्थित सभी मेहमानों ने अपने अनमोल अनुभवों से सबको प्रेरित किया और अपना अनमोल फीडबैक दिया। उन्होंने कहा कि सभी बहनों के अनमोल अनुभव सुन कर उन्हें स्वयं के लिए बहुत प्रेरणा मिली।

बेस्ट कांसेप्ट अकादमी अवार्ड प्राप्त-नारी के चार स्वरुप का एतिहासिक पहलू दर्शाने वाली एक अद्भुत डॉक्यूमेंटरी लघु फिल्म भी दिखाई गई। कार्यशाला का उद्देश्य महिलाओं को एक मित्रतापूर्ण और सुरक्षित माहौल में अपने आंतरिक शक्ति स्वरुप का व्यक्तिगत अमूल्य और प्रेरणाप्रद अनुभव एक दूसरे से साझा करना था ताकि वे आज के चुनौतीपूर्ण समय में शिवशक्ति के गुह्य अर्थ को समझाते हुए, यथार्थ रूप से स्वयं को सशक्त बना सके। सभी प्रतिभागियों के लिए यह एक आईना था स्वयं को पहचान कर शक्तिस्वरूप के सही भावार्थ को समझने का। तत्पश्चात सभी प्रतिभागियों ने अपने अपने ग्रुप्स (जिनके नाम भी गुणों से थे जैसे कि पावरफुल, पोलाइट, ब्लिस्फुल, ट्रुथफुल आदि) में अपने इस शक्ति स्वरुप का अनुभव एक दूसरे को सुनाकर एक दूसरे से नयी प्रेरणाएं प्राप्त की, जिसे शिवशक्ति के सदस्य एवं ग्रुप लीडर्स ने सभी के समक्ष उत्साहपूर्वक शब्दों के साथ सांझा किया।

सच में, ये एक अनोखा, स्वयं का आत्मनिरीक्षण कराने वाला, एक अद्भुत स्नेह मिलन था जिसमें भाषण नहीं लेकिन अपने वास्तविक शक्ति स्वरुप की आनंदपूर्ण भासना थी जो भूलने पर भी भुलाए नहीं जा सकती है। आज के युग में हर नारी को ऐसे शिवशक्ति के विशेष स्नेह मिलन का अवश्य लाभ लेना चाहिए। यही सभी प्रतिभागी के दिल की आवाज थी ।कार्यक्रम का सुचारु रूप से संचालन ब्रह्माकुमारीज् के टाकली सेवाकेंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी नीतु दीदी ने किया तथा राजयोगिनी मनीषा दीदी जी ने सभी का आभार व्यक्त किया। 

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