दुर्ग : आनंद सरोवर बघेरा में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम

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दुर्ग छत्तीसगढ़: आनंद सरोवर बघेरा में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में दीप प्रज्वलित करते हुए बहन शाहना कुरैशी, बहन नीतू श्रीवास्तव, बहन प्रीति  अजय बेहरा, डॉक्टर कल्पना देशमुख , समाज सेविका रत्ना नारमदेव ,ब्रह्माकुमारी रीटा बहन संचालिका  दुर्ग,  ब्र.कु.रूपाली बहन l

दुर्ग (छत्तीसगढ़): ईश्वरीय विश्व विद्यालय आनंद सरोवर बघेरा में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस  पर स्नेह मिलन समारोह तथा भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि प्राप्त करने वाले महिलाओं का सम्मान किया गया।इस अवसर पर मुख्य रुप से श्रीमती शाहाना कुरैशी (छत्तीसगढ़ रत्न सम्मान राज्य स्तरीय नारी शक्ति सम्मान )नीतू श्रीवास्तव (संस्थापिका अध्यक्ष फाऊण्डेशन ) श्रीमती प्रीति अजय बेहरा (सदस्य आंतरिक परिवार समिति सीमा सशस्त्र बल भिलाई ) डॉक्टर कल्पना देशमुख  (मिनी माता अलंकार से सम्मानित ) रत्ना नारमदेव ( पूर्व एल्डरमेन व समाज सेविका ) ब्रह्माकुमारी रीटा बहन संचालिका ब्रह्माकुमारीज़ दुर्ग  ब्रह्माकुमारी रुपाली बहन (वरिष्ठ राजयोगी शिक्षिका )इस कार्यक्रम में “महिला सशक्तिकरण के लिए परमात्मा शिव द्वारा सकारात्मक परिवर्तन ” विषय पर सभी आगंतुक अतिथियों ने अपने-अपने विचार रखे । सर्वप्रथम ब्रह्माकुमारी रुपाली बहन के आये हुए सभी महिलाओं का स्वागत करते हुए अपने वक्तव्य में कहा कि अगर हर नारी अपनी  शक्ति को याद रखें तो नारी   शक्ति जागृत हो जाएगी और नारी सशक्त बन जायेगी। देखते हैं नारी शक्ति का इतना सम्मान है कि आज  नदियों के नाम बहनों के नाम पर ही है गंगा , यमुना , कावेरी इत्यादि भारत के नाम के साथ भी भारत माता है न कि भारत पिता किसी को आज विद्या मांगना होता है तो  विद्या की देवी सरस्वती का पूजन व स्मरण करते हैं किसी को आज धन की आवश्यकता या कमी महसूस होती है तो धन की देवी लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते हैं और धन की देवी लक्ष्मी से सब धन मांगते है बच्चों को अच्छे संस्कार देने वाली भी प्रथम गुरु माता ही है इस पर आपने बहुत ही मर्म स्पर्शी सुंदर दृष्टांत दिये।पुरुष को सदाचार की प्रतिज्ञा दिलाने वाली नारी ही है।भोजन बनाते समय सकारात्मक विचार करें उसका प्रभाव स्वयं पर व परिवार पर भी सकारात्मक पड़ेगा ।

परिस्थितियाँ हावी होने का कारण स्वयं के आन्तरिक शक्ति का कम होना है आन्तरिक शक्ति में वृद्धि करने का सबसे अच्छा माध्यम राजयोग है जिसके द्वारा हम अपनी आन्तरिक शक्तियों में वृद्धि कर परिस्थिति पर विजय प्राप्त कर सकते हैं ।

अंतरिक शक्ति को जागृत कर स्वयं को सशक्त कैसे बनाएं इसकी विधि को आपने राजयोग की सुंदर कामेन्ट्री द्वारा अनुभूति कराया है ।

 शबाना कुरैशी ने कहा कि हमारे जीवन में जब सकारात्मक विचार आते है तो समझना चाहिए कि हमारे कदम अच्छी दिशा की ओर बढ़ रहें हैं घर में माता-पिता अपमानजनक बातें करते हैं तो उसका असर बच्चों पर पड़ता है तो हमें ध्यान रखना है अपने एक एक विचारों पर कर्म पर यदि हम अपने अधिकारो के प्रति जागरूक रहे तो महिलाओं का सशक्तिकरण सहज हो जायेगा। इसके अलावा आये हुए सभी अतिथियों ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अपने-अपने विचार रखे व शुभकामनाएँ दी । 

ब्रह्माकुमारी दुर्ग की संचालिका रीटा बहन ने अपनी वाणी की शुरुआत वन्दे मातरम् से किया। हमें गर्व होना चाहिए भगवान ने इस अंतिम जन्म में नारी तन में जन्म दिया यूँ तो हम सभी चैतन्य रूप में दिव्य सितारे हैं और जिस घर में हम आत्माएं रहती हैं वहाँ न कोई स्त्री है और न कोई पुरुष न कोई बच्चा है ना कोई बड़ा वास्तव में यह भी भान रखना मैं स्त्री हूं मैं पुरुष हूँ यह भी इस देह का अभिमान है । जब हम यह भावना रखते हैं मैं भी श्रेष्ठ आत्मा हूँ सामने वाली भी श्रेष्ठ आत्मा है चैतन्य ज्योति है एक पिता के सन्तान है तो यह महिला सशक्तिकरण दिवस की सार्थकता होगी ।

कुमारी युक्ति, जागृति , इंद्राणी द्वारा कोमल है तु कमजोर नहीं है और जन-जन का कल्याण करे तू शिव की शक्ति है नारी गीत पर मनमोहक नृत्य नें दर्शकों का मन मोह लिया । मंच संचालन करते हुए धन श्री मोडक ने भी नारी शक्ति को पल-पल नारियों की असीमित शक्तियों की एहसास दिलाती रहीं । इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में  भिन्न-भिन्न स्थानों ने महिलाएं उपस्थित थी।

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