अम्बिकापुर: महिला सशक्तिकरण के लिये परमात्म शिव द्वारा सकारात्मक परिवर्तन

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अम्बिकापुर,छत्तीसगढ़: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय नव विश्व भवन चोपड़ापारा अम्बिकापुर में महिला सशक्तिकरण के लिये परमात्म शिव द्वारा सकारात्मक परिवर्तन विषय पर महिला दिवस का कार्यक्रम बहुत धूमधाम से मनाया गया। जिसमें महिलाओं ने बढ़- चढ़कर हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ सिस्टर ममता टोप्पो जी, हॉली क्रास हॉस्पिटल व्यवस्थापिका, बहन रीनू जैन जी डायरेक्टर के. आर. टेक्निकल कॉलेज अम्बिकापुर, बहन फुलेश्वरी सिंह जी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष, बहन महालक्ष्मी जी, डी.एस.पी. सूरजपुर, बहन शिल्पा पाण्डे जी समाजसेविका , बहन मीरा साहू जी प्राचार्या सरस्वती शिशु मन्दिर अम्बिकापुर, बहन श्वेता सिंहा जी प्राचार्या मॉडर्न कान्वेन्ट स्कूल कल्याणपुर और सरगुजा संभाग की सेवाकेन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी के द्वारा दीपप्रज्जवलित कर किया गया।
नारी में अदम्य शक्ति व अदम्य साहस है। मातृशक्ति यदि चाह ले तो वो अपने घर, समाज व देश को स्वर्ग भी बना सकती है, और नर्क भी। इसी साहस व शक्ति को देखकर भगवान ने भी माताओं के सिर पर ज्ञान का कलश रखा हुआ है इसलिये आदिशक्ति माताओं और बहनों के अन्दर की शक्ति को जागृत करने की आवश्यकता है उक्त विचार अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर सरगुजा संभाग की सेवाकेन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी आदिशक्ति, मातृशक्ति, शिवशक्तियों को नमन, वंदन करते हुये कहा। आगे उन्होंने WOMEN शब्द का अर्थ बताते हुये कहा कि  W अर्थात् विल पॉवर – आज अगर हम अपने अंदर के मनोबल को जगा ले तो इतिहास में अपना अलग पहचान बना सकते है और दृढ़शक्ति से असम्भव कार्य को भी सम्भव बना सकते है।  O अर्थात् लगन- यदि कोई भी कार्य लगन से करते है, तो उसमें सफलता निश्चित प्राप्त होती है,  M अर्थात् माइट आज नारी के अन्दर अद्भुत शक्ति समाया हुआ है, जिसको जगाने से नारी दुर्गा, शीतला और काली बनकर अपने दुर्गुणों का विनाश कर शक्तिस्वरूपा बन सकती है। E अर्थात् दिव्यता- जब हमारे अंदर सत्य ज्ञान की प्राप्ति हो जाती है तो आरे अंदर शक्ति, करूणा, दया और प्रेम जैसे दिव्य गुण आने लगते है। N अर्थात् उदारता- नारी का हृदय बहुत विशाल होता है जिसमें वो सभी बातों को समाने की अद्भुत क्षमता रखती है। आगे उन्होंने माताओं और बहनों को अन्न के प्रति प्रेरित करते हुये कहा कि माँ जिस मन से भोजन बनाती है, खाने वालों के मन पर वैसा ही प्रभाव पड़ता है इसलिये अपने मन को ईश्वर से जोडकर ही भोजन बनाये मोबाइल देखकर न बनाये। वर्तमान समय लोग बच्चों को दोषी समझते है कि बच्चे बिगड़ रहे है, किन्तु यदि खुद पर गौर किया जाये तो कहीं न कहीं माँ का ही दोष है, वो हर समय मोबाइल में व्यस्त रहती है, जिसका सीधा प्रभाव बच्चों पर पड़ता है। इसलिये महिलायें खुद पर ध्यान देंगी तो बच्चे और परिवार सभी को सुखी और खुशहाल बना सकती है, साथ ही साथ बच्चों में अच्छा संस्कार भरना एक माता का ही कर्तव्य है, एक माँ ही है जो बच्चों को श्रेष्ठ नागरिक, वीर पुरूष, नेक दिली बना सकती है, इसलिये नारी को अपने कर्त्तव्य को समझकर उसका निर्वहन करना चाहिये।
 बहन शिल्पा पाण्डे जी समाजसेविका माताओं और बहनों का मनोबल बढ़ाते हुये कहा कि महिला शक्ति सशक्त तभी बन सकती है, जब एक महिला शक्ति, दूसरे महिला शक्ति को सहयोग और सम्मान करें और उसको इज्जत दे, तो महिला सशक्तिकरण की संकल्प पूर्ण होगी। महिला, महिला के संरक्षण के लिये आगे आयेंगी तो महिला सशक्त होगी, क्योंकि प्रकृति का नियम है, कि हम जो देते है, वो ही मिलता है, यदि हम अच्छा देंगे, तो अच्छा पायेंगे।
बहन रीनू जैन जी डायरेक्टर के. आर. टेक्निकल कॉलेज अम्बिकापुर  ने कहा कि राजयोग के माध्यम हम सकारात्मकता की ओर जाते है, सकारात्मक होने के लिये बिजी रहना अति आवश्यक है। जो भी हुनर जिसमें है- उसी में आगे आये। अपने को सदा बिजी रखें हम अपने आपको प्रेजेन्टेबल रखेंगे तो लड़ना नहीं पडेगा अपनी सोच को बड़ा रखकर हमें आगे बढ़ना है, मन को स्थिर  रखना है। बड़ी सोच माना गलत को सामने नहीं पॉजिटीविटीव को सामने रखना है।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बहन फुलेश्वरी जी ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा दिये जा रहे ज्ञान को जीवन में अमल करने से होने वाले फायदा को जिक्र करते हुये कहा कि यदि हम सभी महिलायें इस आध्यात्मिक ज्ञान को जीवन में धारण करेंगे तो निश्चित रूप से आगे बढेंगे और ये धरती भी स्वर्ग बन जायेगा। और आगे उन्होंने कहा कि अपने व्यस्तम जीवन में से अपने लिये कुछ क्षण जरूर निकाले और अपने आत्मा की शक्ति को जागृत करेंगे तो जीवन के हर परिस्थितियों को सहजता से पार करके खुश रहेंगे।
होली क्रॉस हॉस्पिटल व्यवस्थापिका सिस्टर टोप्पो ने कहा कि महिलायें काफी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर लिया है, और वर्तमान समय महिलायें शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है, और अपने वर्चस्व एवं गरिमा को बढ़ा रही है।
भ्राता अनिल मिश्रा जी ने मातृशक्ति की स्थिति के प्रति चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि वर्तमान समय महिलाओं को महिलाओं के हालात को समझकर उनके प्रति दया, करूणा ,सहयोग और संवेदनषी की भावना को स्वयं में जागृत करके महिलाओं को जागरूक करने की आवश्यकता है, और सरकार के द्वारा दिये जा रहे योजनाओं का पूरा लाभ लेंगी तो महिलायें सशक्त हो पायेंगी ।
इस शुभ अवसर पर बहन मीरा साहू जी प्राचार्या सरस्वती शिशु  मन्दिर अम्बिकापुर, बहन श्वेता सिंहा जी प्राचार्या मॉडर्न कान्वेन्ट स्कूल कल्याणपुर ने भी अपनी शुभकामनाएं दी।
अतिथियों का स्वागत तिलक, पुष्पगुच्छ, बैज और ईश्वरीय स्लोगन देकर किया। इस अवसर पर अंशिता ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया और मनिकनिका, आई गिरि नंदिनी पर तथा अतिथि ने तेरी अंगूठी पकड़कर चला नृत्य प्रस्तुत कर सभा को भाव पूर्ण और मंत्रमुग्ध कर दिया।
जादूगर सम्राट हैरी ने अपने रंगीन मायाजाल जादू से सभी माताओं का खूब मनोरंजन किया।

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