आबू रोड: दादी रतनमोहिनी ने किया ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र का उद्घाटन

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ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र से रोज बनेगी 500 यूनिट बिजली
– सोलार थर्मल पावर प्लांट में स्थापित किया
– मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने किया ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र का उद्घाटन
– कचरे को रिसाइकिल कर रोज बनाई जाएगी 400 क्यूबिक बायोगैस, बायोगैस से जनरेटर बनाएगा बिजली

आबू रोड/राजस्थान। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान ने ऊर्जा के क्षेत्र में एक नया कदम आगे बढ़ाया है। अब संस्थान के शांतिवन, आनंद सरोवर, मनमोहिनीवन, मान सरोवर, पांडव भवन, ज्ञान सरोवर आदि परिसरों से निकलने वाले कचरे को रिसाइकिल कर बिजली बनाई जाएगी। इसके लिए सोलार थर्मल पावर प्लांट में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र की स्थापना की गई है।
मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने किया ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र का उद्घाटन करते हुए कहा कि इससे जहां कचरे को इधर-उधर नहीं डालना पड़ेगा, साथ ही कचरे से बिजली बनने से बचत भी होगी। अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मोहिनी दीदी ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए यह बहुत ही अच्छी पहल है। अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके जयंती दीदी ने कहा कि आज इस नई शुरुआत को देखकर बहुत प्रसन्नता हो रही है। अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन भाई ने कहा कि मुख्यालय में देश-विदेश से लाखों लोग आते हैं उन्हें भी अपने यहां इस तरह के संयंत्र लगाने की प्रेरणा मिलेगी। इस मौके पर मीडिया निदेशक बीके करुणा भाई, नई दिल्ली से बीके पुष्पा दीदी, ग्लोबल हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. प्रताप मिड्‌ढा, वरिष्ठ राजयोगी बीेके मोहन सिंघल सहित अन्य वरिष्ठ बीके भाई-बहनें मौजूद रहे।

400 क्यूबिक बायोगैस बनेगी-
सोलार थर्मल पावर प्लांट के बीके योगेंद्र भाई ने बताया कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र की रोज तीन हजार किलो कचरे को रिसाइकिल करने की क्षमता है। इससे रोज 400 क्यूबिक बायोगैस बनाई जाएगी। इस बायोगैस को जनरेटर के माध्यम से बिजली में बदला जाएगा। इससे रोज 500 यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। इस संयंत्र से जहां बिजली मिलेगी वहीं खेती, पेड़-पौधों के लिए जैविक खाद भी मिलेगी।

रोज निकलेगी दो हजार किलो जैविक खाद
सबसे बड़ी बाद बिजली के साथ-साथ इस संयंत्र से रोज दो हजार किलो जैविक खाद निकलेगी। जिसका उपयोग हम खेती, पेड़-पौधों के लिए कर सकते हैं। यह खाद पेड़-पौधों के लिए संजीवनी का काम करेगी। इस संयंत्र से जहां कचरे का अंबार नहीं लगेगा वहीं बिजली के साथ-साथ खाद भी मिलेगी।

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