कटनी: दो दिवसीय विराट संत सम्मेलन का आयोजन किया गया

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कटनी,मध्य प्रदेश। सिविल लाइन स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय राजयोग केंद्र संचालिका बीके लक्ष्मी बहन के नेतृत्व  में सुरम्य पार्क के  पीछे अमकुही कटनी  स्थित सोनालेक पेंट फेक्ट्री में  सकारात्मक परिवर्तन वर्ष के अंतर्गत दो दिवसीय सम्मेलन किया गया। प्रथम दिन आयोजित विराट संत सम्मेलन में धर्म संवाद का विषय गीता से हर समस्या का समाधान कैसे वैश्विक समस्याओं पर चर्चा हुई ।  कार्यक्रम का शुभारंभ जोधपुर के  अनंम श्री विभूषित  डॉ. स्वामी शिवस्वरूपानंद जी महाराज,  धार्मिक प्रभाग प्रयागराज की  अध्यक्ष मनोरमा दीदी, धार्मिक प्रभाग इंदौर जोन के  जोन कॉडिनेटर ब्रह्मकुमार नारायण भाई, धार्मिक प्रभाग राजिम छत्तीसगढ़ की  सब कॉडिनेटर बीके राजयोगिनी  पुष्पा दीदी , चंडीगढ़ के भ्राता राधेश्याम , सतना के आचार्य पं परमानंद , रायपुर के  महंत विभामुनि जी, अयोध्या धाम के  श्रीवत्स महाराज, श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर कटनी से महाराज नीलेश पाठक विलायत कला से त्यागी जी महाराज रामचंद्र तिवारी ‘ चमन लाल आनंद ‘ पंडित प्रकाश भौमिया, सनत परौहा ने दीप प्रज्वलित कर किया । 

महामंडलेश्वर डॉक्टर शिवस्वरुपानंद  ने कार्यक्रम का विषय वर्तमान समय सर्व समस्याओं का समाधान श्रीमद् भागवत गीता द्वारा कैसे संभव हो सकता है पर कहा कि गीता जैसा अद्भुत ग्रंथ विश्व में कभी ना हुआ है और ना होगा। गीता में विश्व की हर समस्या का समाधान है, गीता को पढ़ने के बाद, समझने के बाद किसी भी चीज को समझने की आवश्यकता नहीं होती। आप वेद पढ़ेंगे, पुराण पढ़ेंगे शास्त्र पढ़ेंगे इन सबको पढ़ने के बाद उसका सार ग्रहण करते हैं वह होता है गीता । उन्होंने आगे कहा कि सम्मेलन तो बहुत होते हैं दुनिया के कोने-कोने में चलते है लेकिन जहां सबके हृदय में धर्म की अध्यात्म की एक छाप छूट जाए और वह छाप अमिट हो जिसके ऊपर कोई प्रतिघात न कर सके ऐसा सम्मेलन है । यदि विश्व के कोने कोने में शांति को पहुंचना है तो निश्चित रूप से ब्रह्माकुमारी के नियमों को संदेशो की सिद्धांतों का पालन करना होगा ।

प्रयागराज इलाहाबाद की मनोरमा दीदी ने कहा कि जब  समर्पिता  का भाव आत्मा की उसे प्रभु के पिता  प्रभु पिता की प्रति वह स्वरूप ले लेता है तो निश्चित है समाधान स्वत मिलने लग जाते हैं और जिस मंच में हमारे इन संतों का सहयोग हो समागम का सानिध्य मिल जाए तो वह मंच धन्य हो जाता है। चंडीगढ के भ्राता राधेश्याम ने कहा कि हमारे मन में हर किसी के प्रति शुभ भावना  होनी चाहिए।  परमात्मा ने जिस काम के लिए यहां भेजा है क्या मैं वही काम कर रहा हू या कुछ और कर रहा हूं ।

सतना के आचार्य  पंडित परमानंद ने कहा कि हमारा अनुभव है कि भारत को विश्व गुरु बनाने की जो प्रधानमंत्री मोदी जी की इच्छा है वह हमारी ब्रह्माकुमारी संस्था ही इस कार्य  में लगी हुई है भारत को एक सूत्र में बांधने का प्रयास कर रही है वह सूत्र क्या है आत्मिक दृष्टि आत्मिक भाव । बीके नारायण भाई ने ने भी अपने विचार रखें । इस अवसर पर महापौर प्रीति संजीव सूरी ने मनोरमा दीदी को अभिनंदन पत्र भेट कर उनका सम्मान किया वही राजयोग केन्द्र संचालिका बीके लक्ष्मी दीदी ने सभी मंचासीन अतिथियों को ईश्वरीय सौगात भेंट कर सम्मान किया । राजयोगिनी बीके भारती  ने सभी को मेडिटेशन कराया । कार्यक्रम का संचालन दिल्ली की राज दीदी  ने किया ।

विराट संत समागम सम्मेलन के अवसर पर निकली गई विशाल शोभा यात्रा जिसमे महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी शिव स्वरूपा नंद जी महाराज जोधपुर,महंत श्री विभा मुनि जी,मनोरमा दीदी जी प्रयागराज, महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी श्री अखिलेश्वरा नंद गिरी जी महाराज जबलपुर से पधारे ।

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