ब्रह्माकुमारी के भारती दीदी सफल मार्गदर्शन से हैप्पी विलेज में सभी खुशी से खेले , कूदे और शिव बाबा कि याद में मग्न
राजकोट,गुजरात: प्रभु तेरे रंग में हम रंग गए ऐसे, हमें लगता है जी रहे हम संग सदा तेरे…जी हां, यहां हैप्पी विलेज में ब्रह्माकुमारीज ने अलौकिक होली उत्सव मनाया। जिसमें ब्रह्मावत्सों ने बड़े उत्साह से भाग लिया।
कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी अंजुबेन ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता में ब्रह्माकुमारीज गुजरात सब जोन डायरेक्टर भारतीदीदीजी विशेष रूप से उपस्थित रहीं। उन्होंने मौके के अनुरूप मधुर वाक्य बोलकर सभी का गर्मजोशी से स्वागत किया। वहीं कार्यक्रम के दौरान ब्रह्माकुमारी किंजलदीदी ने बहुत ही सुंदर अंदाज में सभी को गेम खिलाए। मनोरंजक, रोचक और शिक्षाप्रद संदेश देने वाले खेलों में पांडव सेना, माताएं, कुमार, कुमारियां, शिव शक्ति बहनें और बच्चे शामिल थे। इस प्रकार अलौकिक होली कार्यक्रम में खेलों के माध्यम से सभी का मनोरंजन करने का विशेष ध्यान रखा। ब्रह्माकुमारी तनीषाबेन ने उनके साथ सहायक भूमिकाएँ बखूबी निभाईं।
इसके अलावा सामयिक काव्य पाठ और नृत्य का मंचन किया गया। जिसमें कु. जानवी ने दिव्य काव्य सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कु.विश्वा, कु.क्रिशा ने मंच पर नृत्य प्रस्तुत कर सभी की वाहवाही लूटी। इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित गुजरात पुलिस शी टीम की हेड कांस्टेबल पल्लवीबहन ने महिला सशक्तिकरण के बारे में भाषण दिया। उन्होंने अपने कार्यों की जानकारी देकर किसी भी प्रकार की सामाजिक या घरेलू उत्पीड़न की स्थिति में पुलिस की महिला टीम (डायल नंबर 181) की मदद लेने को कहा।
साथ ही राजनगर सेवा केंद्र की ब्रह्माकुमारी रीटा बहन ने होली शब्द के तीन वास्तविक अर्थों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
हालाँकि गड़का रोड पर हैप्पी विलेज राजकोट से लगभग 17 किमी दूर है, बड़ी संख्या में ब्रह्मावत्स ने भाग लिया और शिव बाबा के प्रति अपना प्यार व्यक्त किया।
कार्यक्रम के अंत में होलिकादहन किया गया। यह कोई सामान्य होलिकादहन नहीं था. लेकिन इसमें वहां मौजूद लगभग सभी ने उनकी कमी- कमजोरी या मानसिक बीमारी को एक नोट में लिखकर जला दिया. हमारे गुजराती समाज के कार्यक्रम डांडिया-रास के बिना अधूरे हैं। तो समापन के बाद बहनों ने रास भी खेला. इस बीच सभी सेवाधारी भाई-बहनों ने बहुत सुंदर व्यवस्था बनाए रखी।
अरे, गाना-बजाना-हंसना-खेलना हो गया। फिर पैट पूजा को कैसे भूल सकते है !!! इसलिए सभी को पिकनिक प्लेटों में नाश्ता परोसा गया। मौके के हिसाब से धनिया खजूर भी शामिल किया गया. कुल मिलाकर सभी ने खाया, पिया, खेला और शिव बाबा को याद किया। वाह बाबा वाह….
गौर करने वाली बात यह है कि – इस कार्यक्रम में स्वयं शिस्तने खास पधारे हुए महेमानो को आश्चर्यवंत कर दिया था. जब किंजल दीदी सब को खेल खेला रही थी तब भी सब ने तालिओं कि करतार ध्वनि से हैप्पी विलेज़ की चारों दिशाओ को गुंजीत कर दिया था.