नशा छोड़ने के लिये राजयोग है निरापद और सशक्त विधि: बीके मंजू
ब्रह्माकुमारीज़ राजकिशोरनगर द्वारा विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर स्मृति वन मे जनजागरण
तम्बाकू, गुडाखू की चपेट मे महिलायें और बच्चे भी, मुक्ति के लिए दृढ़ता जरूरी : बीके गायत्री
बिलासपुर,छत्तीसगढ़: तम्बाकू का नशा कोई लाइलाज व्यसन नहीं है पर इसके परिणाम बहुत ही भयावह होते है। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर स्मृति वन मे ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने ये बाते कहीं । उन्होंने कहा कि व्यसनी अगर एक बार कैंसर हास्पीटल का चक्कर लगा आये तो स्वयं के भविष्य को देख घबरा उठे। नशा करने से ज्यादा खर्च नशा छोड़ने के दवाओं मे होता है। राजयोग निःशुल्क, सहज और बिलकुल निरापद उपाय है क्योंकि यह सीधे संस्कार मे परिवर्तन करता है। दीदी ने कहा कि हमारे छोटे छोटे प्रयास भी बडे बडे परिवर्तन का कार्य कर सकते है।
गायत्री बहन ने कहा कि छत्तीसगढ़ – उड़ीसा मे गुडाखू के चपेट मे महिलायें और बच्चे भी बुरी तरह फंसे हुए है। अगर दृढता से प्रतिज्ञा कर राजयोग का अभ्यास करे तो नशे से मुक्त हो सकते है। उन्होंने सभी को मेडिटेशन का परिचय देते हुए कुछ पल राजयोग का अभ्यास भी कराया।
मेडिकल प्रभाग के ट्रेनर डॉ राकेश गुप्ता ने बच्चों को समझाते हुए कहा कि हमारे माता- पिता हमें गलत रास्ते पर जाने से बचाते हैं इसलिए हमें उनकी ही बात माननी चाहिए, गलत संग हमें लोभ – लालच देकर हमारा पूरा जीवन ही बिगाड़ देंगे। और यदि हम गलत रास्ता पकड़ चुके हैं तो पॉजिटिव थिंकिंग की क्लास व मेडिटेशन के द्वारा सही रास्ते पर पुनः वापिस आ सकते हैं।
शुक्रवार सुबह से ही चित्र प्रदर्शनी के माध्यम से डॉ राकेश गुप्ता, गायत्री बहन, रूपा बहन व ईश्वरी बहन ने नशे के दुष्प्रभाव के बारे मे समझाया जिसे मार्निग वाक मे आने वाले बच्चे, युवा, बुजुर्ग सभी ने ध्यान से सुना। इस अवसर पर राजकिशोरनगर सेवाकेन्द्र से जुड़े ब्रह्माकुमारी भाई बहन बडी संख्या मे उपस्थित थे।
विद्युत उपभोक्ता फोरम बिलासपुर के अध्यक्ष भूषण वर्मा ने सभी को नशामुक्त भारत के लिये अपने दायित्वों के लिये शपथ दिलायी।