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धमतरी: राजयोग महोत्सव के शुभारम्भ अवसर पर सेकड़ो भाई बहनों ने किया योग का अभ्यास

 राजयोग से जीवन में आने वाली चुनोतियों को पार करने की शक्ति आती है – पुलिस अधीक्षक अंजनेय वार्ष्णेय जी 

योग की देन भारत ने पुरे विश्व को दी है – वन मंडल अधिकारी श्रीक्रष्ण जाधव जी

योगा सिर्फ शरीर का स्वास्थ्य नहीं जीवन जीने का तरीका है – सरिता दीदी

धमतरी,छत्तीसगढ़: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वावधान में आज राजयोग महोत्सव का शुभारम्भ हुवा | शुभारम्भ अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे माननीय भ्राता अनजनेय वार्ष्णेय जी ,पुलिस अधीक्षक जिला धमतरी , माननीय भ्राता श्रीकृष्ण जाधव जी वन मंडल अधिकारी जिला धमतरीमाननीय भ्राता राजेन्द्र शर्मा जी पूर्व सभापति जिला धमतरी , योगाचार्य विकास कंसारी जी ,संचालक योगा विकास फाउंडेशन , राजयोगिनी सरिता दीदी जी ,संचालिका जिला धमतरी |

सर्वप्रथम दीप प्रज्वलन की विधि संपन्न कर राजयोगिनी नवनीता दीदी ने राजयोग का बहुत सुन्दर गीत प्रस्तुत किया जिसमे सभी ने राजयोग का अभ्यास किया ,आत्मा का योग परमात्मा से लगाकर सच्ची शांति और सुख का अनुभव किया | इस  समय ब्रह्माकुमारी बहने कमल आसन पर बैठकर योग के माध्यम से अपने सकारात्मक चिन्तन की तरंगे वातावरण में फैलाकर वातावरण को शक्तिशाली बनाया |

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित माननीय भ्राता अनजनेय वार्ष्णेय जी ,पुलिस अधीक्षक जिला धमतरी ने कहा गीता में कहा है योग:कर्मेशु कौशलम | राजयोग से जीवन में आने वाली चुनोतियों को पार करने की शक्ति आती है , योगा तनाव को रिलीज करता है | माननीय भ्राता श्रीकृष्ण जाधव जी वन मंडल अधिकारी जिला धमतरी ने कहा आज जो हम पुरे विश्व में योगा दिवस के रूप में मना रहे है इस योग की देन भारत ने विश्व को दी है | माननीय भ्राता राजेन्द्र शर्मा जी पूर्व सभापति जिला धमतरी ने कहा राजयोग अर्थात आत्मा का परमात्मा से पवित्र मिलन |

राजयोगिनी सरिता दीदी ने कहा योगा सिर्फ शरीर का स्वास्थ्य नहीं जीवन जीने का तरीका है |योगा योग शब्द से आता है और योग अर्थात कनेक्शन सम्बन्ध |आत्मा जो थॉट creat करती है उसका सबसे पहला असर हमारी भावनाओ पर पड़ता है, फिर शरीर पर | फिर मेरी हर थॉट उन लोगों तक पहुँचती है जिनके लिए वो creat की गई है ,मेरी हर थॉट वातावरण में फ़ैल जाती है | शारीरिक स्वास्थ्य के लिए प्राणायम के साथ भोजन शुद्धि का भी बहुत महत्व है | क्यूंकि जैसा अन्न वैसा मन और फिर वैसा शरीर बन जाता है |  

योगाचार्य विकास कंसारी जी ,संचालक योगा विकास फाउंडेशन ने इस वर्ष के योगा दिवस के प्रोटोकॉल के अनुसार योगा का महत्व बताकर आसन प्राणायाम कराया |कार्यक्रम का संचालन प्राजक्ता बहन ने किया |

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