कामठी : ब्रह्माकुमारी संस्थान की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदंबा की 59वीं पुण्यतिथि मनाई

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प्रतिभावान विद्यार्थीयों का किया गया सत्कार 

कामठी,महाराष्ट्र : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती की 59वीं पुण्यतिथि सैकड़ो भाई बहनों की उपस्थिति में श्रद्धा पूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर कामठी क्षेत्र संचालिका  ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी ने मातेश्वरी जगदंबा का स्मरण करते हुए कहा कि परमपिता परमात्मा शिव जब कलयुग के अंत में, धर्मग्लानि के समय इस धरा पर अवतरित हुए तो उन्होंने प्रजापिता ब्रह्मा के तन को ज्ञान देने के लिए माध्यम बनाया लेकिन ज्ञान सागर परमात्मा ने ज्ञान का कलश नारी शक्ति के ऊपर रखा। उसी सत्य ज्ञान को हूबहू अपने जीवन में आत्मसात कर सर्व आत्माओं की मातृवत् पालना करने वाली नारी शक्ति में अग्रणी हुई मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती। मात्र 14 वर्ष की आयु में ओम राधे नाम की कन्या के रूप में 1936 में ही वह ओम मंडली सत्संग में आई और प्रथम दृश्य में ही साधारण तन में आए परमात्मा को पहचान कर उनके द्वारा दिए गए ज्ञान और सर्व आध्यात्मिक शक्तियों को अपने जीवन में धारण कर शिव शक्ति अवतार बन गई। पिताश्री ब्रह्मा बाबा ने उन्हें मुख्य प्रशासिका के रूप में सर्व ब्रह्मा वत्सों को संभालने की जिम्मेवारी सौंपी, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया।

प्रेमलता दीदी ने बताया कि मातेश्वरी जगदंबा शांति का अवतार और प्रेम की मूर्ति थी। उनकी पवित्रता और तेज के आगे उनकी एक दृष्टि पड़ने से ही सामने आई हुई आत्मा का परिवर्तन हो जाता था। उनके जीवन में गंभीरता का गुण, समाने और सहन करने की शक्ति इस कदर थी कि हर एक की कमी कमजोरी को समाकर बहुत ही प्रेम से उनका परिवर्तन कर देती थी। उनका स्लोगन था हर एक के अंदर गुण देखना है, गुणवान बना है और गुणदान ही करना है।
सर्वप्रथम प्रेमलता दीदी ने मातेश्वरी जी की शिक्षाओं का वाचन किया तथा उन्हें भोग स्वीकार कराया गया।
इस मौके पर प्रतिभावान विद्यार्थीयों का सत्कार किया गया |  विद्यार्थीयों को संबोधन करते हूए  ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी ने कहा कि समय और शिक्षा का सही उपयोग ही व्यक्ती को सफल बनाता हैं|  
भौतिक शिक्षा के साथ आध्यात्मिक शिक्षा को अपनाकर मन की एकाग्रता बनाई जा सकती हैं| सौ. अनुराधाताई भोयर उपाध्यक्षा सदाशिवराव पाटील शिक्षण संस्था इंहोने भी विध्यार्थियो का हौसला बढाते हुए प्राप्त की सफलता पर बधाई दीं|
गट शिक्षण अधिकारी अल्का सोनवणे ने स्पर्धा के इस पडाव मे बच्चो को अपना संयम बनाये रखणे की बात की| साथ ही शिक्षा हमारे भविष्य की नीव है जिसे हमें मजबुती से निर्माण करना हैं|
इस अवसर पर मुख्याध्यापक हरीश दडमल, सौ विमल ताई साबळे, इंजिनियर हरिष गुल्हाने, राजेश आहुजा, घनश्याम चकोले, हरिहर गायधने, सहित सैकड़ो भाई बहनों के बीच किया गया और भावी जीवन के लिये शुभ भावना दि गई | इसमें चारुलता ठाकरे, स्नेहा ठाकरे, पावनी ससांकर, अदिती चव्हाण, कू. ठाकरे  आदि बचों का सन्मानपत्र देकर सन्मान किया गया| कार्यक्रम का संचालन ब्र. कु. चंद्रकला दिदी ने किया|

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