10 कक्षा विद्यार्थियों को नैतिक शिक्षा के साथ परीक्षाओ के तनाव से बचने और अच्छे मार्क लेने के टिप्स भी बताये

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बोकाखात (आसाम):

नैतिक शिक्षा किसी भी व्यक्ति के विकास में उतना ही आवश्यक है जितना कि स्कूली शिक्षा। नैतिक शिक्षा से ही हम अपने व्यक्तित्व का निर्माण करते है जो आगे चलकर कठिन परिस्थितियों का सामना करने का आत्मविवेक  आत्मबल प्रदान करता है।उन्होंने कहा की नैतिकता के अंग हैं – सच बोलनाचोरी  करना,अहिंसादूसरों के प्रति उदारताशिष्टताविनम्रतासुशीलता आदि। परन्तु आज ये शिक्षा ना तो बालक के मातापिताजिन्हें बालक की प्रथम पाठशाला कहा जाता हैना ही विद्यालय दे पा रहा है। नैतिक शिक्षा के अभाव के कारण ही आज जगत में अनुशासनहीनता का बोलबाला है। आज का छात्र कहाँ जानता हैबड़ों का आदरसत्कारछोटों से शिष्ठताप्यारस्त्री जाति की सुरक्षासम्मान सत्कार। रहीसही कसर पूरी कर देता है | उक्त उदगार माउंट आबू से ब्रह्माकुमारी के पधारे हुए बी के भगवान भाई जी ने कहे वे काजीरंगा मोडर्न हायस्कूल  के 10 कक्षा विद्यार्थियों को नैतिक शिक्षा का महत्व विषय पर बोल रहे थे |

भगवान भाई ने कहा की कभी भी कॉपी ना करे , हैण्ड रेटिंग अच्चा होना चाहिए , अपना समय वेस्ट नहीं करना है अच्छी संगत रखनी है सिनिमा मोबाइल से नशे से दूर रहना है |हमेशा फ्रेश रहे , दिमाग को शांत रखे , क्लास में ध्यान से सुने , मन ही मन में सुनी हुई बातो को रिपीट करे   तब अच्छी मार्क्स मिलेगे |उन्होंने बताया की नैतिक शिक्षा ही मानव को ‘मानव’ बनाती है क्योंकि नैतिक गुणों के बल पर ही मनुष्य वंदनीय बनता है। सारी दुनिया में नैतिकता अर्थात सच्चरित्रता के बल पर ही धनदौलतसुख और वैभव की नींव खड़ी है।

उन्होंने कहा कि जब तक हमारे व्यवहारिक जीवन में परोपकार,सेवाभाव,त्याग,उदारता,पवित्रता,सहनशीलता,नम्रता,धैर्यता,सत्यता,ईमानदारीआदि सद्गुण नहीं आते। तब तक हमारी शिक्षा अधूरी हैं।

बी के रश्मि रेखा दास ने कहा कि समाज अमूर्त होता हैं और प्रेम,सद्भावना,भातृत्व,नैतिकता एवं मानवीय सद्गुणों से सचालित होता हैं।

सीनियर टीचर परिजान शक्या जी ने भी अपना उद्बोधन दिया और कहा की   भौतिक शिक्षा की बजाय इंसान को नैतिक शिक्षा की आवश्यकता हैं। उन्होंने समाज में मूल्यों की कमी हर समस्या का मूल कारण हैं।

बी के कोलुदा बहन जी ने भी अपना उद्बोधन देते हुए कहा की नैतिक शिक्षा से ही छात्रछात्राओं में सशक्तिकरण  सकता है। उन्होंने आगे बताया कि नैतिकता के बिना जीवन अंधकार में हैं। नैतिक मूल्यों की कमी के कारण अज्ञानतासामाजिककुरीतियां व्यसननशाव्यभिचार आदि के कारण समाज पतन की ओर जाता है।

कार्यक्रम के अंत में राजयोग का अभ्यास कराया गया

10 कक्षा विद्यार्थियों को नैतिक शिक्षा के साथ परीक्षाओ के तनाव से बचने और अच्छे मार्क लेने के टिप्स भी बताये|

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