वड़ोदरा-अटलादरा: साइलेंस अनुभूति योग साधना भट्टी सप्ताह का शुभारंभ

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ब्रह्माकुमारीज़ सेवाकेंद्र अटलादरा में अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू से पधारे वरिष्ठ राजयोगी भ्राता ब्रह्माकुमार राजू भाई जी के कर कमलों द्वारा 7 दिवसीय साइलेंस अनुभूति योग भट्टी सप्ताह का शुभारंभ किया गया एवं दो दिन गहन योग अनुभूति भट्टी भाई जी द्वारा कराई गई

वड़ोदरा-अटलादरा,गुजरात। ब्रह्माकुमारीज़ सेवाकेंद्र पर 24 जून से 30 जूनतक साइलेंस अनुभूति सप्ताह का आयोजन किया जिसके शुभारंभ में संस्था के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू से वरिष्ठ भ्राता राजयोगी ब्रह्माकुमार राजू भाई जी पधारे। भाई जी ईश्वरीय सेवा में अपने समर्पित जीवन के 50 वर्षों से भी अधिक समय से राजयोग का अभ्यास एवं आध्यात्मिक ज्ञान का गहरा मनन चिंतन करते आ रहे हैं।आप संस्था के ग्राम विकास प्रभाग के वाइस चेयरपर्सन है और राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 1000 से भी अधिक सभा और सेमिनारों का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। आपके सानिध्य एवं मार्गदर्शन में 23 जून को सेवा केंद्र पर विशेष गहन योग साधना भट्टी का आयोजन किया गया साथ में सेवाकेंद्र में नवनिर्मित ऑफिस का उद्घाटन भी आपके कर कमलों द्वारा हुआ। 

योग साधना भट्टी सप्ताह के शुभारंभ में विशेष अतिथि के रूप में भ्राता चिराग भाई बारोट डिप्टी मेयर वडोदरा(24 जून), गेल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सीजीएम भ्राता अरुण कुमार मोदी जी, जायडेक्स इंडस्ट्री के डायरेक्टर भ्राता अजय भाई रांका जी एवं आर्किटेक्ट भरता केतन भाई शाह जी पधारे। 

साइलेंस अनुभूति सप्ताह के शुभारंभ पर आदरणीय राजू भाई जी ने साइलेंस का अभिप्राय स्पष्ट करते हुए सबको बताया कि आज जो हम साइंस का कमल देख रहे हैं उन सारे साइंस के आविष्कारों के पीछे भी साइलेंस की शक्ति ही मूल शक्ति है क्योंकि साइलेंस में स्थिर मन बुद्धि की गहन एकाग्रता से ही विज्ञान के गहरे रहस्य समझ जाते हैं और आविष्कार किए जाते हैं। तो भट्टी में पहले तो हम मोटे रूप के मौन का अभ्यास करें जिसका आशय है कम से कम बोलना, लगभग 4 घंटे पूरी तरह मौन रहें। अनावश्यक सोचने और वार्तालाप का मौन रखें और टीवी मोबाइल आदि चीजों में जो हम बहुत समय और शक्ति व्यर्थ कर देते हैं तो इन आदतों में परिवर्तन रूपी मौन भी हम रखें। साइलेंस के तीन विशेष रूपों का हम अनुभव करें तो इस सप्ताह का हम बहुत अच्छा अनुभव कर सकेंगे और साइलेंस की शक्ति से अपने मन को चार्ज कर सकेंगे वे तीन अनुभव हैं *डीप साइलेंस स्वीट साइलेंस और डेड साइलेंस*। इन तीनों प्रकार की शांति पर भी भाई जी ने बहुत सुंदर तरीके से समझाया। 

गेल इंडिया के CGM श्री अरुण भाई जीने कहा कि मुझे थोड़े समय पहले ही एक कॉन्फ्रेंस में ब्रह्माकुमारीज परिसर माउंट आबू में जाने का सुअवसर मिला तब से मैं नियमित रूप से यहां की ज्ञान योग की क्लास सुनता हूं और उसके अभ्यास से मैं अपने अंदर धीरे-धीरे परिवर्तन भी महसूस कर रहा हूं। आर्किटेक्ट केतन भाई ने कहा कि साइलेंस की बहुत सुंदर व्याख्या जो की आदरणीय राजू भाई साहब ने हमें बताई है मैं स्वयं योग साधना का अभ्यास करता हूं और मुझे लगा कि हमें योग में ऐसे अनुभव अवश्य करने चाहिए। 

अगले दिन 24 जून को ब्रह्माकुमारी संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासिका जिन्हें यज्ञ माता के रूप में मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती के नाम से सभी भाई बहन जानते हैं और मम्मा के संबोधन से पुकारते हैं उन मातेश्वरी जी की 59 वीं पुण्य स्मृति के दिन राजू भाई जी ने सेवाकेंद्र की छत पर बने हुए संस्था के आध्यात्मिक यादगार पांच धाम में अमृतवेला ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4:00 बजे से 5:00 तक शांति स्तंभ के सामने शक्तिशाली राजयोग का अभ्यास कराया जिसमें लगभग 50 भाई बहन उपस्थित रहे। फिर सवेरे मुरली क्लास के बाद भाई जी के द्वारा विशेष भोग लगाया गया। भाई जी ने मातेश्वरी जी के जीवन के उच्च मूल्य और आदर्शों के बारे में सभी को विस्तार से बता कर उनके जीवन मूल्यों से शिक्षाएं लेने की प्रेरणा दी और फिर अटलादरा सेवाकेंद्र की उप शाखाओं का भ्रमण करते हुए भाई जी ने सबसे विदा ली।

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