“भारत फिर बनेगा विश्व गुरु”- कालिदास राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन
भोपाल,मध्य प्रदेश। आज के इस समय में सभी को जरूरत है शांति प्रेम एवं सद्भावना की। यही पाठ हम रोज सीखते हैं। परमपिता परमात्मा ने हम सभी को इस धरती पर भिन्न नाम रूप एवं वस्त्रों के साथ भिन्न-भिन्न पार्ट प्ले करने के लिए भेजा है।हमें उस पार्ट को बहुत अच्छे तरह से प्ले करना है क्योंकि अब पार्ट पूरा होते ही हम सभी को अपने घर, अपने परमपिता परमात्मा के घर जिसको की मुक्तिधाम, शांति धाम भी कहा जाता है वहां वापस जाना है। परमात्मा कहते हैं कि जिन संस्कारों के साथ उन्होंने हमें इस धरती पर भेजा था, वही संस्कार हम भारतवासियों को स्वयं में भरकर विश्व की आत्माओं को देने हैं जिससे कि वह अपने जीवन को सुखमय बना सके । हम सब के परम गुरु परमपिता परमात्मा निराकार भोलेनाथ शिवाचार्य है जो कि इस कलयुगी दुनिया का परिवर्तन करना चाहते हैं एवं एक ऐसी दुनिया बनाना चाहते हैं जहां सब सुखी हो, सबके संबंध श्रेष्ठ हो, काया निरोगी हो, जन-जन में आपस में इतना प्रेम हो कि शेर और बकरी भी एक घाट पर पानी पी सके, नर एवं नारी देव तुल्य हों।ऐसी सृष्टि का निर्माण परमपिता परमात्मा शिव सहज राजयोग के द्वारा कर रहे हैं। हमें अपने जीवन को इतना उच्च एवं महान बनाना है जिससे हमारा अपना जीवन ही नहीं , अपितु आसपास का वातावरण, हमारा देश, सारा ही विश्व एक सुनहरे भविष्य की ओर अग्रसर हो और भारत फिर से विश्व गुरु कहलाए।”
यह कहना था आदरणीय ब्रह्माकुमारी राजयोगिनी नीता दीदी जी का एवं अवसर था राष्ट्रीय ज्योतिष महासम्मेलन का।
‘भारत को विश्व गुरु बनाने में ज्योतिष की भूमिका‘*‘ विषय पर ज्योतिष मठ संस्थान भोपाल एवं कालिदास संस्कृत अकादमी उज्जैन द्वारा पंचम दो दिवसीय कालिदास ‘राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन का आयोजन’ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के सभागार में किया गया। इसमें देश के कई ज्योतिषी विद्वान इकट्ठे हुए। देश के कोने-कोने से ज्योतिष विद्या से संबंधित विद्वानों को आमंत्रित किया गया सम्मेलन में विशेष रूप से भगवान पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर 1008 स्वामी श्री अवधूत बाबा अरुण गिरी जी महाराज का आगमन हुआ।
साथ ही कार्यक्रम में विधायक महोदय श्री रामेश्वर शर्मा का भी आगमन हुआ। सम्मेलन में कार्यक्रम के संयोजक ज्योतिष मठ संस्थान के संचालक पंडित विनोद गौतम जी ने बताया कि यह सम्मेलन ज्योतिष महर्षि पंडित अयोध्या प्रसाद गौतम जी की पुण्य स्मृति में किया जा रहा है। सम्मेलन में पूर्व मंत्री एवं ज्योतिषी पंडित नंदकिशोर पुरोहित भी शामिल हुए जिन्होंने कहा कि दिल्ली भारत विश्व गुरु अवश्य बनेगा एवं इसी सदी में बनेगा तथा अधिकार से बनेगा साथी उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली का नाम इंद्रप्रस्थ था एवं ब्रह्म मुहूर्त में जागने से कैसे जीवन में सुख और संपन्नता आती है इसके ऊपर भी उन्होंने प्रकाश डाला. इसी के साथ स्थानीय साधु संत महंतों का भी आगमन हुआ।