300 से अधिक माताओं व कन्याओं ने जिले में सुख शांति की कामना से गहन राजयोग तपस्या की
माताओं को केसरिया दुपट्टे से व कन्याओं को ‘शिव शक्ति स्वरूपा’ बैज लगाकर सम्मानित किया गया
नीमच,मध्य प्रदेश। गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर ब्रह्माकुमारी संस्थान के ‘पावन धाम’ परिसर में प्रात: 6.30 से दोप. 2.30 बजे तक 8 घण्टे का दिव्य सत्संग व राजयोग तपस्या का कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें 30 कन्या रत्नों सहित लगभग 300 से अधिक माताओं ने पूरी तन्मयता से भाग लिया । सर्वप्रथम प्रात:कालीन सत्र में ईश्वरीय महावाक्यों पर आधारित मुरली क्लास का दिव्य सत्संग हुआ, तत्पश्चात नीमच व जावद से पधारी माताओं व कन्याओं को आत्मस्मृति का तिलक लगाकर ब्रह्माकुमारी बहनों ने स्वागत किया । विशाल सद्भावना सभागार में आयोजित इस राजयोग तपस्या कार्यक्रम में लगातार 90 मिनिट तक विभिन्न आध्यात्मिक गीतों व कॉमेन्ट्री का सहयोग लेकर गहन राजयोग तपस्या की गई, जिसमें जिले में आपसी प्रेम व भाईचारा तथा सुख शांति की कामना से राजयोग तपस्या करके शक्तिशाली सकारात्मक संकल्पों को वायुमण्डल में प्रवाहित किया गया ।
इस दिव्य सभा को संबोधित करते हुए ब्रह्माकुमारी संस्थान की सबझोन संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने बड़ी संख्या में उपस्थित माताओं व कन्याओं को आध्यात्मिक मार्गदर्शन देकर घर-गृहस्थ, परिवार व समाज में सौहाद्रपूर्ण संबंध व पारिवारिक कलह क्लेश से मुक्त सुख-शांतिमय जीवन बनाने के उपयोगी टिप्स बताऐ, तत्पश्चात लगभग एक घण्टे तक गाईडेड मेडिटेशन का अभ्यास करवाया गया ।
इस आयोजन के अगले मार्गदर्शक राजयोगी ब्रह्माकुमार सुरेन्द्र भाई ने अपने 50 वर्षों के आध्यात्मिक अनुभवों का लाभ देते हुए माताओं व कन्याओं को उनके स्वमान को जागृत करने वाले अनेक महत्वपूर्ण बिन्दुओं से अवगत करवाया, तत्पश्चात कार्यक्रम के अंतिम चरण में 24 राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी बहनों को सर्वशक्तिवान शिव परमात्मा के नवयुग निर्माण के कार्य में अपना संपूर्ण समर्पण देकर विश्व सेवा के लिए संकल्प दिलवाया तथा शिव की शक्ति सम्पन्न चमचमाते नगीनों से सुसज्जित बेज पहनाया गया, तत्पश्चात लगभग 30 कन्याओं को ‘शिव शक्ति स्वरूपा’ का स्वमान दिलाने वाले अति सुंदर बेज को लगाकर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम के समापन के पूर्व 260 से अधिक गृहस्थ माताओं को ‘ॐ शांति’ व निराकार शिव के प्रतीक चिन्ह वाले केसरिया दुपट्टे पहनाकर सम्मानित किया गया । अंत में सभी के लिए ब्रह्माभोजन प्रसादी का आयोजन रखा गया । जिसका रसास्वादन 350 से अधिक लोगों ने लिया ।