छतरपुर: ब्रह्माकुमारीज़ – मानवता की सेवा और दिव्यांग बच्चों के चेहरे पर मुस्कुराहट लाने का प्रयास

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आवासीय प्रगतिशील दिव्यांग संसार में मूक बधिर बच्चों को राखी बांधते हुए बीके कल्पना एवं सपना बहन

शिल्पकार मूर्ति को आकार देने के लिए पत्थर पर चोट करता है वह चोट ही उसे पूजनीय बनाती है – ब्रह्माकुमारी 

छतरपुर, मध्य प्रदेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय विश्वनाथ सेवाकेंद्र द्वारा देरी रोड स्थित निर्वाना फाउंडेशन में मानवता की सेवा और मानसिक रूप से विक्षिप्त एवं दिव्यांग बच्चों के चेहरे पर खुशियां लाने के लिए अलौकिक रक्षाबंधन समारोह मनाया गया।
उक्त कार्यक्रम में बीके रीना ने कहा कि जीवन में यदि आगे बढ़ना है तो बातों को नहीं देखना है क्योंकि बातें ही हमें नीचे गिरातीं हैं और बातें ही हमें ऊंचा चढ़ातीं हैं। जो पत्थर शिल्पकार की अधिक चोटें खा सकता है वही एक मुस्कुराती दिव्य प्रतिमा बन सकता है और जो एक दो चोट खाकर ही तंग हो जाता है वह खंडित मूर्ति के रूप में मंदिर के किसी कोने में रख दिया जाता है जिसकी लोग पूजा नहीं करते। यदि हमें पूजनीय बनना है तो हमें अपनी सहनशीलता को बढ़ाना होगा और स्वभाव में नम्रता का गुण धारण करना होगा।
इस अवसर पर विश्वनाथ सेवाकेंद्र प्रभारी बीके रमा ने बच्चों को अनेक ज्ञानवर्धक कहानी सुनाकर उनका उत्साहवर्धन किया और आगे बढ़ने के लिए शुभकामनाएं दी।
इस मौके पर निर्वाना फाउंडेशन संचालक संजय सिंह अपराजिता सिंह और उनके सहयोगी साथी सहित सभी महिलाएं एवं बच्चे उपस्थित रहे। बीके रेशू ने बच्चों को अनेक प्रकार की ज्ञानवर्धक एक्टिविटी कराईं।
इसी तारतम्य में आकाशवाणी तिराहा स्थित आवासीय प्रगतिशील दिव्यांग संसार में मूक बधिर बच्चों के लिए रक्षाबंधन समारोह कार्यक्रम किया गया। इस कार्यक्रम में बीके कल्पना ने इशारों से बच्चों को ज्ञान की छोटी-छोटी बातें सुनाई। बीके सपना और प्रियंका बहन ने बच्चों को खेल के माध्यम से अनेक शिक्षाएं दी। बच्चों के चेहरे की मुस्कुराहट बता रही थी कि उन्हें सब समझ में आया और आज बहुत खुशी हुई।
इस मौके पर दिव्यांग संसार की शिक्षिकाएं साधना असाटी, कीर्ति यादव, वकील खान सहित सभी बच्चे उपस्थित रहे।

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