प्राकृतिक संतुलन को बनाये रखने में पौधा लगाना बहुत आवश्यक है – विद्या दीदी
कल्पतरूह प्रोजेक्ट के अन्तर्गत ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा अम्बिकापुर के असकला ग्राम में तालाब किनारे 150 पौधारोपण किया गया।
अम्बिकापुर,छत्तीसगढ़: कल्पतरूह प्रोजेक्ट के अन्तर्गत ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान द्वारा अम्बिकापुर के असकला ग्राम में पौधारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त मुख्य वन संरक्षक श्री जगदीश चन्द्राकर जी, उद्यान विभाग ग्राम सेवक श्री संतोष कुमार सिंग, सरपंच असकला श्रीमती गौरी सिंग, उपसरपंच असकला श्री चोलेश्वर जी, जनपद सदस्य जगेश्वर पैकरा जी, पूर्व सरपंच श्री राजेश्वर पैकरा जी, सेवानिवृत्त पटवारी श्री नागिर जी, ग्राम प्रमुख श्री गंभीर पैकरा, पत्रकार अम्बिकावाणी श्री देवी सिंग जी, सरगुजा संभाग की सेवाकेन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी, ब्रह्माकुमारी बहनें तथा ब्रह्माकुमारी संस्था से जुडे़ भाई- बहनें एवं असकला ग्राम के लोगों के द्वारा आम, बेल, नीलगिरी, नाशपाती, मूँगा, इत्यादि 150 तालाब किनारे पौधारोपण किया गया।
इस शुभ अवसर पर सरगुजा संभाग की सेवाकेन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी कल्पतरूह प्रोजेक्ट के तहत होने वाले कार्याें का संक्षिप्त में जानकारी देते हुये कहा कि वर्तमान समय मकान बनाने, सड़कों के निर्माण हेतु, फैक्ट्रियों के निर्माण में अंधाधुन्ध वनों की कटाई हो रही है, जिससे पेड़- पौधों में कमी आ रही है और फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुआँ से पर्यावरण असंतुलित एवं प्रदूषित हो रहा है। जिससे मानव जीवन को शुद्ध ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है। प्राकृतिक संतुलन को बनाये रखने में पौधा लगाना बहुत आवश्यक है। ब्रह्माकुमारी संस्था प्रत्येक लोगों को पौधा लगाने के लिये प्रेरित कर रही है और स्वयं भी पौधा लगाने का कार्य कर रही है।
सेवानिवृत्त मुख्य वन संरक्षक श्री जगदीश चन्द्राकर जी प्रकृति के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुये कहा कि प्रकृति को सुरक्षित रखने के लिये अधिक से अधिक पौधा लगाने की आवश्यकता है। साथ ही साथ इन पौधों को सम्भालने एवं संरक्षण का भी दायित्व हम सभी का है। और आगे उन्होंने ब्रह्माकुमारी संस्था का सराहना करते हुये कहा कि यह संस्था विश्व कल्याण और लोक कल्याण के लिये कार्य करती है। यही इसकी मूल भावना है इसी के तहत यह वृक्षारोपण का श्रेष्ठ कार्य करने के लिये लोगों को जागरूक कर रही है।
पूर्व सरपंच श्री राजेश्वर पैकरा जी ने ब्रह्माकुमारी संस्था का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि मैं ब्रह्माकुमारी आश्रम से यौगिक खेती करने की विधि सीखा। तब से खेती करने के पूर्व परमात्मा की याद प्रारम्भ करता हूं और अधिक से अधिक गोबर के खाद को उपयोग करता हूँ, जिससे मेरे खेत का खेती सबसे अच्छा और अधिक होता है। और आगे उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन होने का कारण गर्मी बहुत तेजी से बढ़ रही है वनों के संरक्षण के लिये पौधारोपण करना बहुत जरूरी है।
कार्यक्रम के अंत में सरगुजा संभाग की सेवाकेन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी सहित ब्रह्माकुमारी संस्था से जुडे़ भाई- बहनों ने विशेष प्रकृति को शुद्ध पवित्र बनाने के लिये राजयोग मेडिटेशन के द्वारा पवित्र प्रकम्पन्न फैलाये।