प्रशासक सेवा प्रभाग के अभियान द्वारा कलेक्टरेट सभागार में प्रशासनिक अधिकारियों के लिए आध्यात्मिक कार्यक्रम हुआ

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भीलवाड़ा,राजस्थान: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के मुख्यालय माउंट आबू से भीलवाड़ा पहुंचे प्रशासक सेवा प्रभाग के अभियान द्वारा कलेक्टरेट सभागार में प्रशासनिक अधिकारियों के लिए आध्यात्मिक कार्यक्रम हुआ। अभियान दल में आए हुए सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी राजयोगी बी. के. सीताराम मीणा ने अपने प्रशासनिक जीवन के अनुभव बताते हुए कहा कि प्रशासन में मानवीय मूल्यों और गुणों के आधार से कार्य होना अति आवश्यक है। दया, करुणा, सत्यता, इमानदारी, अनुशासन, संवेदनशीलता, पारदर्शिता, सेवा भावना आदि उत्कृष्ट मूल्य हमारे कार्य व्यवहार व सोच में आने चाहियें। उन्होंने कहा कि प्रशासन का बहुत समय और शक्ति सांप्रदायिक माहौल को ठीक करने में चली जाती है। आध्यात्मिकता से जुड़कर मैंने यह जाना कि जो हम कहते हैं कि हम सब आपस में भाई-भाई हैं, आध्यात्मिकता के आधार से यह पूर्णतः सत्य है। जब हम आध्यात्मिक दृष्टिकोण रखते हैं तो सभी के प्रति स्नेह व अपनेपन की भावना रहती है तो उसका सकारात्मक प्रभाव हमारे आचरण और प्रशासन पर पड़ता है।जालौर से पधारी हुई राजयोगिनी बी. के. रंजू बहन ने कहा कि हम खुद से प्यार करें, अपने जीवन से प्यार करें, अपनी दिनचर्या में सुधार लाएं, देने की भावना रखें, अपने संकल्प और वाणी में श्रेष्ठता लाएं, सकारात्मक सोचें तो यह महसूस करेंगे कि हमारे अंदर ऊर्जा आ रही है।माउंट आबू से पधारे अभियान के संयोजक राजयोगी बी. के. हरीश भाई ने सभी को राजयोग मेडिटेशन सीखने के लिए प्रेरित किया और मुख्यालय माउंट आबू में आयोजित प्रशासक सेवा प्रभाग की कॉन्फ्रेंस में पधारने का निमंत्रण दिया। अलवर से आई हुई बी. के. अनुभा बहन ने राजयोग का अभ्यास कराया। बिजौलिया से पधारी हुई बी. के. रचना बहन ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया। एडीएम सिटी उत्तम सिंह शेखावत ने आध्यात्मिक मार्गदर्शन हेतु अभियान दल का हार्दिक आभार व्यक्त किया। यूआईटी सेक्रेटरी अजय आर्य ने आध्यात्मिक कार्यक्रम के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की। एडीएम प्रशासन डॉ राजेश गोयल ने कहा कि आध्यात्मिकता प्रत्येक इंसान के लिए आवश्यक है। प्रशासनिक दृष्टिकोण संवेदना का होना चाहिए। जो भी हमारे पास आए उसके प्रति हमारी भावना हमारे विचार देने के होने चाहियें।भीलवाड़ा आर के कॉलोनी सेवाकेंद्र प्रभारी बी. के. तारा बहन और पोकरण सेवा केंद्र प्रभारी बी. के. पूजा बहन भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

-: रिजर्व पुलिस लाइन में आर आई प्रकाश चंद की अध्यक्षता में कार्यशाला आयोजित की गई :-

भीलवाड़ा,राजस्थान: ब्रह्माकुमारी संस्थान के प्रशासक सेवा प्रभाग के अभियान द्वारा रिजर्व पुलिस लाइन में आर आई प्रकाश चंद की अध्यक्षता में कार्यशाला आयोजित की गई। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में राजयोग द्वारा तनाव मुक्ति विषय पर राजयोगी वक्ताओं ने प्रकाश डाला। इस कार्यशाला को संबोधित करते हुए अलवर से आई हुई राजयोगिनी बी. के. अनुभा बहन ने कहा कि अध्यात्म का सिद्धांत है कि जो हम देते हैं वही हमारे पास लौटता है। यदि हम क्रोध व दुर्व्यवहार से दूसरे को तनाव देंगे तो वह लौटकर अवश्य ही हमारे पास आएगा इसलिए अपने कर्म और व्यवहार पर ध्यान दें। सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी राजयोगी बी.के. सीताराम मीणा ने कहा कि पुलिसकर्मियों का ज्यादा वास्ता असामाजिक तत्वों से, अपराधियों से, समाजकंटको से पड़ता है इसलिए ज्यादा परेशानी और तनाव से गुजरना पड़ता है। इस तनाव से मुक्त रहने में अध्यात्म और राजयोग बहुत मदद करता है। उन्होंने अपने प्रशासनिक काल के अनुभव सुनाते हुए कहा कि यदि हमारे से कुछ गलती हो जाती है तो हम दूसरों पर न थोपें। यदि हम आगे बढ़कर अपनी जिम्मेवारी लेंगे तो सदा निर्भय व निश्चिंत रह सकेंगे।माउंट आबू से पधारे हुए प्रशासक सेवा प्रभाग के मुख्यालय संयोजक राजयोगी बी.के. हरीश भाई ने कहा कि मन में चार प्रकार के विचार चलते हैं- सकारात्मक, नकारात्मक, व्यर्थ व आवश्यक विचार। जैसी व्यक्ति की सोच होती है, वैसा उसका जीवन होता है, इसलिए हम अपने विचारों की क्वालिटी को बढ़ाएं। सवेरे उठकर अखबार पढ़ने की बजाय मेडिटेशन करें, सकारात्मक चिंतन करें तो अपने तनाव का बेहतर प्रबंधन कर सकते हैं। जालौर से आई हुई राजयोगिनी बी.के. रंजू दीदी ने कहा कि लाइट रहने के लिए अभ्यास करें कि मैं शरीर से भिन्न लाइट स्वरूप आत्मा हूँ। प्रत्येक कार्य मुस्कुराते हुए करेंगे तो स्वयं भी खुश रहेंगे और सभी को भी खुश कर सकेंगे। 
राजयोगिनी बी. के. रचना दीदी ने कुशल मंच संचालन करते हुए सभी को मेडिटेशन सीखने का निमंत्रण दिया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में पुलिस के अधिकारियों ने कार्यशाला का लाभ लिया। कार्यक्रम के अंत में सभी को ईश्वरीय प्रसाद व सौगात का वितरण हुआ।

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