कादमा: शिक्षक दिवस पर सम्मान समारोह

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कादमा (हरियाणा):अध्यापक  त्याग, तपस्या और धैर्यता के साथ बच्चों को सुसंस्कारित कर श्रेष्ठ समाज का निर्माण करता हैं। यह उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की कादमा शाखा व ग्राम पंचायत रामबास के संयुक्त तत्वावधान में शिक्षक दिवस पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रामबास में शिक्षक समृद्ध एवं सशक्त समाज के मार्गदर्शक विषय पर आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में  बतौर मुख्य अतिथि एसडीएम बाढडा सुरेश दलाल ने व्यक्त किए। 

उन्होंने ब्रह्माकुमारीज संस्था की सामाजिक कार्यों व शिक्षाविदों के सम्मान के लिए भूरी भूरी री प्रशंसा करते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारी बहने एक आध्यात्मिक शिक्षक के रूप में समाज को मानवीय मूल्यों का पाठ पढ़ा रही है।

आयोजन का शुभारंभ पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस अवसर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए एवं दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन, मुख्य अतिथि एसडीएम बाढडा सुरेश दलाल, सरपंच सुधीर शर्मा, स्टेट अवार्डी शिक्षा विभाग हरपाल आर्य, प्राचार्य यशपाल यादव, ब्रह्माकुमार सुनील कुमार व विद्यालय के अन्य शिक्षकों ने किया। आयोजन के दौरान रामबास कलस्टर के 23 अध्यापकों को शिक्षकों को विशेष योगदान हेतु सम्मानित किया गया। 

क्षेत्रीय प्रभारी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने  कहा कि डॉ राधाकृष्णन एक सच्चे दार्शनिक, मेहनती, अथक थे। वास्तव में वह महान व्यक्तित्व के धनी थे हमें उनके पद चिन्हों पर चल अपने बच्चों में श्रेष्ठ संस्कार नैतिक व मानवीय मूल्य भरें तभी हम राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। 

मुख्य अतिथि एसडीएम बाढडा सुरेश दलाल कहा कि शिक्षक वास्तव में उस दीपक की तरह है जो स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाशित करता है तो हमें बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान भी देना चाहिए। एक आदर्श शिक्षक अपने काम के प्रति सजग रहेगा इमानदार सच्चाई सफाई सादगी से भरपूर रहेगा।

स्टेट अवार्डी शिक्षा विभाग राज्य शिक्षक पुरस्कार से सममानित हरपाल आर्य ने कहा कि शिक्षक अपने आचरण आहार व्यवहार से बच्चों में उन गुणों का विकास करे जिससे बच्चों के जीवन के साथ साथ समाज में भी नई रोशनी आए। उन्होंने ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा शिक्षकों का सम्मान करने पर कहा की है संस्था पूरे विश्व में मानवीय मूल्यों को लेकर के काम कर रही है जब यह मूल्य हम जीवन में धारण करेंगे तभी हमारा यह सम्मान और दिवस मनाना सार्थक होगा।

सरपंच सुधीर शर्मा, प्राचार्य यशपाल यादव,  ने कहा कि  हम अपनी किताबी ज्ञान के साथ-साथ अध्यात्म को और अपनाएं तो हमारा भारत देश पुनः विश्व गुरु कहला सकता है।

ब्रह्माकुमारी ज्योति व नीलम बहन ने कहा कि आज भी भारत देश का बोलबाला समूचे विश्व में उसके आध्यात्मिक मानवीय और नैतिक गुणों के कारण है। मंच संचालन प्रवक्ता ललित भारद्वाज ने किया।

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