दुर्ग : स्नेह मिलन समारोह व योग तपस्या कार्यक्रम संपन्न 

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* जितना बिज़ी (व्यस्त) उतना इजी (सरल) यह कला हमें राजयोग ही सिखाता है-ब्रह्माकुमार आत्मप्रकाश

* जीवन में मूल्यों (गुण) को धारण करने से ही हमारा जीवन मूल्यवान बनेगा -ब्रह्माकुमार आत्मप्रकाश

* हम लोग जब अपने चरित्र को धर्म के अनुकूल रखेंगे तो ही राष्ट्र का परिवर्तन होगा- चतुर्भुज राठी 

दुर्ग (छत्तीसगढ़):- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के बघेरा स्थित आनंद सरोवर में 5 अक्टूबर 2024 को नगर के गणमान्य नागरिकों के लिए स्नेह मिलन समारोह का आयोजन किया गया l

इस कार्यक्रम में संस्था के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माऊँट आबू राजस्थान से युवा प्रभाग के  मुख्यालय संयोजक ब्रह्मा कुमार आत्मप्रकाश भाई (मुख्य अतिथि ),संतोष रुंगटा (चेयरमेन,रूंगटा कॉलेज ),चर्तुभुज राठी(समाजसेवी) निर्मल जैन (समाजसेवी) रीटा बहन (संचालिका ब्रह्माकुमारीज दुर्ग) तथा नगर के गणमान्य नागरिकों के अलावा योग तपस्या में लगभग 1800 भाई-बहन  सम्मिलित हुए कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन तथा कुमारी चंद्राणी , युक्ति , जागृति और लीना के मनमोहक नृत्य से हुआ ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए रीटा बहन ने निराकार परमपिता परमात्मा ” शिव ” का धन्यवाद किया। आपने कहा यह हम सभी का परम सौभाग्य है माऊँट आबू से नवरात्रि में हमारी शक्तियों को जागृत करने के लिए आत्मप्रकाश भाई आयें हैं जिनका हार्दिक स्वागत है साथ में मंचासीन सभी आगंतुक अतिथियों व दर्शक दीर्घा में विराजमान सभी भाई – बहनें व योग तपस्या में आये हुए ब्रह्मा वत्सों का हार्दिक स्वागत है ।  सकारात्मक जीवन शैली विषय पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में सभा को संबोधित करते हुए ब्रह्माकुमार आत्मप्रकाश भाई ने कहा कि नकारात्मकता जीवन से दिखाई देती है उसको  सकारात्मकता में परिवर्तन करने की आवश्यकता है क्योंकि जब हमारा दृष्टिकोण नकारात्मक होता है तो हमारे मन में ना चाहते हुए भी नकारात्मक विचार आता है और यह बहुत लोगों का स्वभाव बन चुका है। कोई व्यक्ति ने  बहुत सुंदर सफेद वस्त्र पहना हुआ है उस पर छोटा सा काला दाग है तो सबसे पहले हमारा ध्यान काला दाग पर जायेगा ।

आपने अपने जर्मनी प्रवास के समय का अनुभव साझा करते हुए बताया किसी ने वहां आपसे एक प्रश्न पूछा कि दुनिया में आध्यात्मिक संस्थाएं इतनी बढ़ रही है लेकिन मनुष्य का नैतिक पतन क्यों हो रहा है? इसका आपने बहुत सुंदर तरीके से उत्तर दिया आपने बताया की सभी स्थानों पर ज्ञान तो दिया जाता है , कि यह गलत है , यह सही है , यह करना चाहिए , यह नहीं करना चाहिए किंतु गलत को न करने की शक्ति आज मनुष्य आत्माओं में क्षीण हो गई है यह शक्ति हमें राजयोग से मिलती है जब हम स्वयं को आत्मा निश्चय कर निराकार परमपिता परमात्मा ” शिव ” पिता से संबंध जोड़ते हैं तो हमारे अंदर वह शक्ति जागृत होती है जिससे हम विकारों व बुराइयों से सहज ही मुक्त हो जाते हैं । बतौर विशिष्ट अतिथि संतोष रुँगटा ने कहा कि बड़ा सौभाग्य है हमारा ऐसे लग रहा है आत्म प्रकाश भाई को सुनकर ऐसा लगा मैं शिवानी दीदी को सुन रहा हूं जितनी सभा यहां है यहां 90% से ज्यादा तो सकारात्मक ही होंगे ।

चतुर्भुज राठी ने सभी को नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम ही सर्वोत्तम है इस धारण से उपर उठना होगा तो हमारे अंदर से नकारात्मक का भाव खत्म हो जाएगा। हमारे अंदर जो धर्म की प्रमाणिकता है हमें ऐसे नहीं लगता कि और कहीं ऐसी प्रमाणिकता होगी ।हम लोग जब अपने चरित्र को धर्म के अनुकूल राष्ट्र के अनुकूल रखेंगे तो घर समाज व राष्ट्र में परिवर्तन देखने को मिलेगा । समाजसेवी निर्मल जैन ने भी सभी को अपनी शुभकामनाएं दी ।

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