कुरुक्षेत्र: थॉट लैब द्वारा डिजाइन योर डेस्टिनी शीर्षक से एक विशेष वार्ता का आयोजन किया गया

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कुरुक्षेत्र,हरियाणा: सोमवार को नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी कुरुक्षेत्र के थॉट लैब द्वारा `डिजाइन योर डेस्टिनी` शीर्षक से एक विशेष वार्ता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, डीन छात्र कल्याण प्रोफेसर दीक्षित गर्ग ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में यह बताया कि आध्यात्मिकता न केवल व्यक्तिगत विकास में बल्कि करियर को आगे बढ़ाने में भी सहायक होती है, जो संस्थान के उद्देश्यों के अनुरूप है। उन्होंने `इच वन, टीच वन` की अवधारणा के महत्व को भी रेखांकित किया और समझाया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत छात्रों के भावनात्मक स्वास्थ्य को सुधारने और खोई हुई खुशियों को पुनः प्राप्त करने के लिए थॉट लैब का शुभारंभ किया गया है। मुख्य वक्ता, डॉ. ई.वी.स्वामीनाथन एक जाने-माने जीवन कोच और काउंसलर हैं, जिन्होंने अपने 16 वर्षों के इंजीनियरिंग और प्रबंधन शिक्षण अनुभव के साथ-साथ टाटा मोटर्स, ओएनजीसी, आईआईटी और एनआईटी जैसे प्रतिष्ठित संगठनों में 20 वर्षों तक कॉपोर्रेट प्रशिक्षण के अनुभवों से जुड़ी सीखों को सांझा किया। डॉ. स्वामीनाथन ने थॉट लैब की सराहना करते हुए कार्यक्रम की शुरूआत की और छात्रों को बड़े सपने देखने और नकारात्मक विचारों को सकारात्मकता में बदलने की प्रेरणा दी। उन्होंने कॉपोर्रेट संसाधन प्रबंधन में महत्वपूर्ण पुरुष, सामग्री, धन, मशीनरी, प्रणाली और मस्तिष्क के बारे चर्चा की। उन्होंने प्रेरणादायक विचार सांझा किए, जैसे अपने मस्तिष्क का ख्याल रखें क्योंकि मस्तिष्क महत्वपूर्ण है और केवल सफलता नहीं, खुशी खोजें; हर सफल व्यक्ति खुश नहीं होता, लेकिन हर खुश व्यक्ति सफल होता है। डॉ. स्वामिनाथन ने छात्रों को साहस के साथ असफलताओं का सामना करने का आग्रह किया और 2008 में ताज होटल पर हुए आतंकी हमले की प्रेरणादायक कहानी साझा की, जिसमें होटल के कर्मचारियों ने अपने मेहमानों की सुरक्षा के लिए अद्वितीय समर्पण दिखाया। उन्होंने डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का भी उल्लेख किया, जिनके पास 30 से ह अधिक मानद पीएच.डी. डिग्रियाँ थीं और जिनका मस्तिष्क शांत एवं स्थिर था। कार्यक्रम के समापन पर थॉट लैब के सह-समन्वयक अंशु पराशर ने  मुख्य अतिथि और अन्य उपस्थित का धन्यवाद व्यक्त किया। इस अवसर पर श प्रोफेसर दीक्षित गर्ग डीन छात्र कल्याण, प्रोफेसर अंशु पराशर, प्रोफेसर थान सिंह सैनी, एनआईटी के पूर्व छात्र अमित वर्मा, रेनू मुञ्जाल और बड़ी संख्या में छात्र मौजूद रहे।

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