जीवन में सुख शांति के लिए व्यवहार और परमार्थ का बैलेंस रखें – ब्र कु राजू भाई जी
नरसिंहपुर,मध्य प्रदेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू से राजयोगी ब्रह्मा कुमार राजू भाई जी 19 से 23 नवंबर 2024 तक नरसिंहपुर जिले के प्रवास पर पधारे। उनका भव्य स्वागत किया गया।
सर्व प्रथम जिला संचालिका ब्रह्माकुमारी कुसुम दीदी ने गुलदस्ते से स्वागत किया। दोनों ओर से भाई बहन है स्वागत में पुष्पों की वर्षा कर रहे थे तो बच्चे रेड कार्पेट पर स्वागत नृत्य करते हुए आगे आगे चल रहे थे तो कोई छत्र लेकर पीछे-पीछे चल रहे थे। मनमोहक स्वागत गीतों की ध्वनि सुनाई दे रही थी। अलग-अलग जगह विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुए।
ब्रह्मा कुमारीज के मुख्यालय दिव्य संस्कार भवन नरसिंहपुर में दो दिवसीय बाप सामान संपूर्ण संपन्न योग तपस्या भट्टी का कार्यक्रम आयोजित किया गया ,जिसमें श्रद्धेय ब्र कु राजू भाई जी ने आध्यात्मिकता के पथ पर चलने वाले बीके भाई बहनों को आध्यात्मिक उन्नति के अनेक मंत्र दिए, जिसमें विशेष भाई जी ने कहा कि जीवन में सुख शांति के लिए व्यवहार और परमार्थ का बैलेंस होना आवश्यक है।
केवल व्यवहार अर्थात अपने ही काम धंधे में ना लग रहे लेकिन परमार्थ भी हो, और केवल परमार्थ ही नहीं व्यवहार का भी ध्यान रखें, इसी से जीवन में सुख, शांति, समृद्धि आएगी तथा सफलता आपके गले का हार बन जाएगी।
उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को ईश्वरीय ज्ञान की शिक्षा अवश्य दो लेकिन अगर बच्चे नहीं मानते हैं तो आपको डिस्टर्ब नहीं होना है क्योंकि हर एक का अपना-अपना पार्ट है ।एक का पाठ ना मिले दूसरे से। शिक्षा देना कर्तव्य है लेकिन अधिकार नहीं रखना है। इससे परिवार में प्रेम बना रहेगा। इस प्रकार दो दिन तक भाई बहनों ने आपके सानिध्य में आध्यात्मिक ज्ञान एवं योग की गहराई का गहन अनुभव किया।
ज्ञात हो कि श्रद्धेय ब्र कु राजू भाई जी के द्वारा ही भारत सहित विश्व के सभी सेवा केंद्रों पर दैनिक आध्यात्मिक ज्ञान मुरली भेजी जाती है,साथ ही आप कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग़ के उपाध्यक्ष की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं ।आप प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के अति समीप रहे हैं। आपको बाबा से दिव्य बुद्धि का विशेष वरदान मिला हुआ है।
भाई जी के साथ ब्रह्मा कुमार चंद्रेश भाई जी ने विशेष राज ऋषि एवं गोकुल गांव की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि धरती पर स्वर्ग कैसे आएगा? उसका पूरा प्रोजेक्ट और उन्होंने समझाया शाश्वत योगिक जैविक कृषि के द्वारा शुद्ध, पोषक एवं गुणवत्ता युक्त अन्न की उपज से आहार शुद्ध और उससे विचारों में शुद्धि होगी और धारा पर स्वर्ग आएगा ।
उन्होंने विशेष आह्वान किया कि किसी गांव को स्वर्ग का मॉडल बनाया जाए । केवल स्थूल भौतिक चीजों से नहीं लेकिन सूक्ष्म आध्यात्मिक ज्ञान एवं राजयोग के बल से धरा पर स्वर्ग जरूर होगा।