गांधीनगर सेवाकेंद्र के 45वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर 800 युगलो का सम्मान किया गया
मणिनगर सबज़ोन और गांधीनगर द्वारा आयोजित सम्मेलन में 4,000 से अधिक भाई-बहनों ने भाग लिया।
ओमशांति मंत्र एक अद्भुत मंत्र है जिसके माध्यम से आत्मा-परमात्मा के वास्तविक स्वरूप को जाना जा सकता है – रसिक पीठाधीश्वर महन्त जन्मेजयशरण (अयोध्या धाम)
बाबा के आशीर्वाद से, धुले हुए सेवाधारी नकारात्मकता को दूर कर रहे हैं और सर्वोत्तम जीवन के माध्यम से एक पवित्र रचना का निर्माण कर रहे हैं। – जगतगुरू ओमकारानंद महाराज (अयोध्याधाम)
गांधीनगर,गुजरात: ब्रह्माकुमारी मणिनगर सबजोन एवं गांधीनगर द्वारा गांधीनगर सेवाकेंद्र के 45वें वार्षिक उत्सव के अवसर पर रंगमंच, सेक्टर-28, गांधीनगर में दिनांक 01-12-2024 को एक भव्य पवित्र-सम्मानित तपस्वी युगल सम्मेलन का आयोजन किया गया।
महासम्मेलन का शुभारंभ ईश्वरीय स्मृति, स्वागत तिलक एवं स्वागत नृत्य से हुआ। स्वागत भाषण गांधीनगर सेवाकेंद्र प्रभारी बी.के. कैलाशदीदी द्वारा प्रस्तुत किया गया, जबकि ब्रह्माकुमारीज़ भोपाल-घुमा सेवाकेंद्र के भाई-बहनों ने नृत्य नाथिका ‘सुगंधित गृहस्थ उपवन’ प्रस्तुत किया, जिसमें बताया गया कि आध्यात्मिकता जीवन में सुख, शांति और पवित्रता कैसे लाती है। जिसका उपस्थित गणमान्य अतिथियों ने तालियों से स्वागत किया।
भारतीय संस्कृति की परंपरा के अनुसार उपस्थित अतिथियों का स्वागत फूलों के गुलदस्ते एवं अंगवस्त्र से किया गया। जगतगुरू ओमकारानंद महाराज (अयोध्याधाम) ने बताया कि, आज बाबा के आशीर्वाद से सफेदपोश लोग नकारात्मकता को दूर कर बेहतर जीवन जीकर पवित्र सृजन कर रहे हैं। शिवबाबा की मुरली नवीन ऊर्जा प्रदान कर विश्व कल्याण का मार्ग दिखा रही है। उन्होंने कहा कि ओमशांति मंत्र एक अद्भुत मंत्र है जिसके माध्यम से आत्मा-परमात्मा के वास्तविक स्वरूप को जाना जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि इस कलियुग के कठिन समय में सफेद वस्त्रधारी आत्माएं बाबा के संदेश को दुनिया तक पहुंचाकर परिवर्तन लाएंगी और भारत को विश्वगुरु बनायेंगी. उन्होंने अनुरोध किया कि दुनिया के अधिक से अधिक लोग शिव बाबा के इस पवित्र कार्य में शामिल हों और बाबा की सर्वोच्च शक्ति को जानें और विश्व कल्याण की दिशा में आगे बढ़ें। उन्होंने तपस्वी दम्पत्तियों को आशीर्वाद देकर ब्रह्माकुमारीज संस्था की पहल की सराहना की और उन्हें आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद दिया।
रसिक पीठाधीश्वर महंत जन्मेजयशरण (राष्ट्रीय महासचिव, भारत साधु समाज, अयोध्याधाम) के अपने शब्दों में साधना कोई बाजार में बिकने वाली चीज नहीं है, बल्कि दृढ़ नियमों, शुद्ध मानसिक जीवन से साधना में सफलता मिलती है और यह ब्रह्माकुमारीज संस्थान की बहनों और युगलो द्वारा संयमित जीवन के माध्यम से दिखाया गया है. उन्होंने ब्रह्माकुमारीज संस्था की बहनों द्वारा 140 देशों में किये जा रहे कार्यों का स्वागत करते हुए कहा कि विश्व के कोने-कोने में शिव बाबा की मुरली का प्रभाव भी दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे समय में जब लोग कलियुग के प्रभाव से घिरे हुए हैं, परिवार टूट रहे हैं, 800 तपस्वी जोड़ों का सम्मान करना एक बेहतर समाज बनाने का तरीका है, उन्होंने आशावाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस संसार का सात्विक विकास महाशक्ति के बिना संभव नहीं है और उन्होंने इस महाशक्ति के कार्यों का स्वागत किया जो उनके भाइयों और बहनों द्वारा ब्रह्माकुमारीज संगठन के माध्यम से किया जा रहा है। ब्रह्म प्राप्ति की सारी बातें ब्रह्माकुमारी संस्थान से मिल रही हैं। उन्होंने वेद, पुराण सहित अनेक ग्रंथों की रुचि का हवाला देते हुए ब्रह्माकुमारीज संस्था की गतिविधियों की सराहना की और ब्रह्माकुमारीज संस्था-आबू तथा सभी केंद्रों के भाई-बहनों विशेषकर धर्मपरायण-तपस्वी दम्पतियों को अयोध्या आने का निमंत्रण दिया। उन्होंने संगठन को अयोध्या में भी ईश्वर और आध्यात्मिक ज्ञान की पताका फहराने के लिए आमंत्रित किया है.
गुजरात के मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया संदेश शारदादीदी ने पढ़ा. मुख्यमंत्री ने संदेश में ब्रह्माकुमारीज की गतिविधियों की सराहना की और किये जा रहे उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की। बीके उषादीदी ने अपने वक्तव्य मे ब्रह्माकुमारीज संगठन की गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण दिया, जिसमें ब्रह्माकुमारीज के बारे में कुछ गलत धारणाओं को स्पष्ट किया गया, जैसे कि संगठन युगलो को भाई-बहन में बदल देता है, कलियुग में युगलो को भाई-बहन के बजाय नर-नारायण के बराबर बनाता है।
इस अवसर पर लगभग 800 युगलो को पवित्र तिलक, पटका व मुकुट पहनाकर फूलों से स्वागत किया गया। साज-सज्जा के साथ बैठे लगभग 800 जोड़ों सहित लगभग 4,500 ब्रह्माकुमारी तपस्वियों ने इस धरा के वातावरण को स्वर्ग जैसा उज्ज्वल कर दिया।
राजयोगिनी भारती दीदी (निदेशक, गुजरात जोन- ब्रह्माकुमारीज), श्रीमती रीटाबेन पटेल (विधायक, गांधीनगर उत्तर), बी.के. डॉ. उषादीदी (राष्ट्रीय समन्वयक, राजनीतिक प्रभाग, माउंट आबू), बी.के.चंद्रिकादीदी (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, युवा प्रभाग), बी.के.शारदाबेन (राष्ट्रीय समन्वयक, महिला प्रभाग), बी.के.सरलाबेन (राष्ट्रीय अध्यक्ष, ग्राम विकास प्रभाग), बी.के.वेदांतीबेन (क्षेत्रीय निर्देशिका, अफ़्रीका) विशेष रूप से उपस्थित रहे और सामयिक मंगलाचरण कर आशीर्वाद दिया।
उपस्थित युगलो में से एक डॉ. मुकेशभाई पटेल-गीताबेन ने अपने अनुभव व्यक्त किये। वहीं इस सम्मेलन को सफल बनाने के लिए ब्रह्माकुमारीज, सर्जन ट्रस्ट गांधीनगर एवम अमदाबाद सिविल हॉस्पिटल ब्लड बेंक की ओर से रंगमंच सेक्टर.28 में सुबह 10 बजे से 2 बजे तक रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया. सम्पूर्ण कार्यक्रम का सुचारू संचालन बीके शारदाबेन (राष्ट्रीय संयोजिका, महिला प्रभाग) द्वारा किया गया। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन बीके रश्मिकांत आचार्य (ट्रस्टी, जीएचआरसी) ने किया।