एक बच्चे की तरह करें पौधों की पालना – ब्रह्माकुमारीज़

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छतरपुर,मध्य प्रदेश।  पर्यावरण और आध्यात्म का बहुत गहरा संबंध है आध्यात्मिकता हमें वास्तविकता की ओर ले जाकर प्रकृति और आत्मा के गहरे संबंध का अनुभव कराती है । भारतीय संस्कृति पर्यावरण के साथ बहुत नजदीक से जुडी है हमारी जीवन शैली सदा ही पर्यावरण की मित्र रही है परन्तु वर्तमान समय प्रकृति और अध्यात्म का समन्वय बिगड़ गया है इसके फलस्वरूप प्रकृति के पांचो तत्वों का असंतुलन देखने को मिल रहा है ।

उक्त उदगार महोबा रोड स्थित एस.के. हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रांगण में बीके भारती बहन ने कहा कि प्रकृति यह सन्देश दे रही है कि अब यह जागने का समय है अब प्रकृति के साथ जुड़कर उसे देवतुल्य मानने की परंपरा को जीवित रखने की आवश्यकता है हमें अपने हृदय में प्रकृति के प्रति निच्छल प्रेम जगाने की आवश्यकता है ।

इस अवसर पर बीके छत्रसाल भाई ने कहा कि संस्था द्वारा इस वर्ष कल्पतरूह अभियान के अंतर्गत पर्यावरण को प्रदुषण मुक्त कर प्रकृति को सुंदर बनाने के लिए केवल वृक्षारोपण ही नहीं करना है लेकिन पौधे के बड़े होने तक उसकी सेवा भी करनी है, इसके लिए सभी को संकल्प लेना है कि हमें पौधों की तब तक पालना करनी है जबतक कि वह वृक्ष ना बन जाए ।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित एस.के. हायर सेकेंडरी स्कूल डायरेक्टर दिनेश रावत ने अपनी शुभकमनाए दी एवं स्वयं एक पौधा लगाकर सभी को उत्साह वर्धन किया । उप निदेशक विनीता पटेरिया जी ने भी अपनी शुभ कमनाएं देते हुए कहा की वे कल्पतरुह प्रोजेक्ट में अपना पूरा सहयोग देगी । इस अवसर पर विशेष रुप से प्रिंसिपल पूनम चौरसिया, वाइस प्रिंसिपल राजेश्वरी चौरसिया, टीचर कविता चौरसिया, टीचर रोशनी चौरसिया, टीचर सुनीता चौरसिया, टीचर रोशनी यादव, टीचर शिवानी चौरसिया, टीचर नंदिनी कौशिक, टीचर सोनम नायक, बीके कपिल, बीके कैलाश आदि उपस्थित रहे ।

अंत में बीके भारती बहन ने सभा में उपस्थित सभी बच्चों को प्रतिज्ञा कराई और कल्पतरुह के अंतर्गत कम से कम एक वृक्ष लगाने का अनुरोध किया । इस अवसर पर विशेष स्कूल के छोटे बच्चों ने एक – एक पौधा रोपित किया ।

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