चरोडा (छत्तीसगढ़):
मानव जीवन एक अनमोल उपहार है। सफलतापूर्वक सुख-शांति से जीवन जीना भी एक कला है। आज चारो और अशांति, दुख, भय, चिंता का माहौल है। ऐसे में हर कोई सुख, शांति खुशी से जीवन जीने की कला सीखना चाहता है। जीवन को सुखमय बनाने के लिए हमे सबसे पहले अपने विचारों को स्वच्छ, श्रेष्ठ बनाना है और इसमें मेडीटेशन का बहोत बडा योगदान है। मेडीटेशनद्वारा हम नकारात्मक विचारों के ऊपर विजय प्राप्त कर सकते है। उक्त उदगार विशेष वक्ता के रूप में माउंट आबू से आये मोटिवेशनल स्पीकर बी के भगवान भाई जी ने कहे |
· स्थानीय ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र चरोडा (छत्तीसगढ़) द्वारा आयोजित
· स्थानीय ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र पर स्वस्थ और सुखी जीवन का आधार सकारात्मक विचार इस विषय पर बोल रहे थे |
भगवान भाई जी ने कहा कि मन में चलने वाले लगातार नकारात्मक विचार ही वर्तमान में अनेक समस्याओं का कारण बनते है। मन के नकारात्मक विचारों से ही वर्तमान में तनाव उत्पन्न होता है | तनाव से मुक्ति के लिए सकारात्मक विचारों की आवश्यकता है ।उन्होंने कहा कि सकारात्मक विचारो से सहनशीलता आती जिससे कई समस्याओं का समाधान हो जाता है। सकारात्मक रहने से हर समस्या का समाधान निकलता है। बुराई में भी अच्छाई देखने का प्रयास करने से मन पर काबू पाया जा सकता है।
उन्होंने कहा की कोई भी व्यक्ति पूर्ण नहीं होता और हम अक्सर गलतियाँ करते हैं और असफलता का अनुभव करते हैं। इस बात पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय कि आप कैसे असफल हुए, इस बारे में सोचें कि आप अगली बार क्या करने जा रहे हैं—अपनी असफलता को एक सबक में बदलें।
· स्थानीय ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवाकेंद्र कि प्रभारी बी के शिवानी बहन जी ने मेडिटेशन का महत्व बताते हुए सभी का शब्दो से स्वागत किया। सकारात्मक और रचनात्मक जीवन पद्धती के ऊपर मार्गदर्शन किया |
· रेलवे मेनेजर गोपालराव गोथे जी ने कहा नकारात्मक विचारो को हम अपने सकारात्मक व्हायब्रेशन के द्वारा कैसे दूर करे और इसमें राजयोग मेडिटेशन की क्या मुख्य भूमिका है इसके ऊपर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा जीवन में स्वस्थ और सुखी बनने हेतु राजयोग मेडीटेशन बहुत जरुरी है |
· राजीव बिलया रेलवे टीचर जी ने कहा कि सकारात्मक बन स्वय को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बन समाज वा देश कि सेवा करने कि बात कही |
· समाजसेवक राज मारविज जी ने कहा कि सकारात्मक सोच जीवन को सफलता दिलाते है। इसीलिए अपने सोच को सदा सकारात्मक रखें।
· कार्यक्रम कि शुरुवात दीप प्रज्वल और स्वागत से किया गया |
· अंत में बी के भगवान भाई जी ने मन की एकाग्रता बढाने हेतु राजयोग मेंडिटेशन भी कराया | मार्गदर्शन के साथ साथ उन्होंने सभी को शान्ति का गहन अनुभव भी कराया ।