राजयोग समाज में स्नेह, सद्भावना, विश्वास व भाईचारे को सुदृढ़ कर सकता है – ब्रह्माकुमारी प्रेमलता
मोहाली, पंजाब: 21 दिसम्बर: ब्रह्माकुमारीज की अंतरराष्ट्रीय संस्था द्वारा सुखशांति भवन फेज़ 7 में आज विश्व ध्यान(मेडीटेशन) दिवस बहुत ही प्रभावशाली ढंग से मनाया गया जिसमें लगभग 220 श्रद्वालुओं नेभाग लिया । कार्यक्रम प्रातः 5 बजे प्रभु स्मृति से प्रारम्भ हुआ और 8.00 बजे तक चला जिसमें आध्यात्मिक प्रवचन के साथ राजयोग अभ्यास का कार्यक्रम रहा । इसकी अध्यक्षता मोहाली- रोपड़ क्षेत्र के राजयोग क्रेंदों की संचालिका ब्रह्माकुमारी प्रेमलता बहन जी ने की । मोहाली-रोपड़ क्षेत्र के राजयोग क्रेंदों की सह-संचालिका ब्रह्माकुमारी रमा बहन जी मुख्य वक्ता थे । मोहाली के अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने दीप प्रज्वलन करके कार्यक्रम का उद्घाटन किया जिनमें ब्रह्माकुमारी प्रेमलता, ब्रह्माकुमारी रमा, श्री विशाल चौहान आई.एफ.एस,वन सरंक्षण अधिकारी पंजाब, श्री गुरचरन सिंह सरां पूर्व जिला व सत्र न्यायाधीश, उत्तम कुमार चंडीगढ़ मिल्क पलांट के जनरल मेनेजर, श्री कुलविंदर सिंह उप निर्देशक खेलकूद विभाग पंजाब, बेवरली ऐस्टेट के प्रबंध निर्देशक श्री मनमोहन कुमार, इंडियन आयल के चीफ मेनेजर श्री राकेश कुमार गोयल, श्री एन.एस.कलसी पूर्व चेयरमैन एच.ओ.सी.एल, सनातन धर्म मंदिर फेज 7 के प्रधान श्री कुलदीप शर्मा, श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर फेज 11 के प्रधान श्री प्रमोद मिश्रा, श्री कुलविंदर सिंह उप निर्देशक खेलकूद विभाग पंजाब, श्रीमति सुनीता नरूला महिला मंडल प्रधान फेज 7, कर्नल सतीश कुमार व युगमार्ग के संवाददाता श्री तिलक राज आदि आदि शामिल थे ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते ब्रह्माकुमारी प्रेमलता बहन जी ने कहा कि आज मनुष्य के विचार व संस्कार स्वार्थपरता के कारण नहीं मिलते इसलिए परिवार व समाज टूट रहे हैं । शांति कोई बाहर से खरीदी जाने वाली वस्तु नहीं हैं इसे स्व अनुभूति से पाया जा सकता है तथा मैपन के त्याग व राजयोग से मानव अपनी वृतियों को संयमित व सकारात्मक बना सकता है । उन्होने कहा कि परमात्मा ही राजयोग से सभी धर्मो को एकता के सूत्र में पिरो सकते हैं । उन्होने आगे कहा कि इस राजयोग से मानव तन व मन के रोगों से बच सकता है तथा इससे उसकी आंतरिक शक्ति व कार्यक्षमता बढ़ सकती है । इसी योगाभ्यास से मानव मानवीय मूल्यों को धारण कर समाज में स्नेह, सद्भावना, विश्वास, दया व भाईचारे की भावनाओं को सुदृढ़ कर सकता है । उन्होंने राजयोग का कमैंटरी से अभ्यास भी कराया।
ब्रह्माकुमारी रमा बहन जी ने मुख्य वक्तवय में विस्तार से योग व राजयोग की व्याख्या की और कहा कि किसी चीज़, व्यक्ति व स्थान को याद करना भी योग है जबकि आत्मा व परमात्मा के मिलन का नाम राजयोग है जिससे स्थूल कर्मेद्रियों जैसे हाथ, पांव, मुख, कान, आंख व सूक्ष्म कर्मेद्रियों मन, बुद्वि व संस्कार आदि पर विजय पाई जा सकती है । सूक्ष्म इंद्रियों को देखने की बजाय अनुभव किया जा सकता है । उन्होने आगे कहा कि राजयोग एक संजीवनी बूटी का काम करता है जिससे मन को सशक्त, शांत, संकल्पों को नियंंित्रत, सकारात्मक, दिव्य, पवित्र, शुभ भावना युक्त बनाया जा सकता है । उन्होने आगे कहा कि राजयोग नरवस, श्वास प्रणाली, हृदय, पाचन प्रणाली,
मांसपेशीयों आदि को संतुलित करता है ।
गुरचरन सिंह सरां पूर्व जिला व सत्र न्यायाधीश ने सभी का धन्यवाद किया । अंत में सभी को लाइट रिफरैशमैंट भी दी गई । कल प्रातः 7 से 8, 11 से 12 व सांय 6 से 7 बजे राजयोग ध्यान के निःशुल्क सत्र एक सप्ताह के लिए चलेंगे ।

