जयपुर, राजस्थान: ब्रह्माकुमारीज़ राजापार्क सेवाकेंद्र द्वारा जयपुर सबज़ोन इंचार्ज बी.के. पूनम दीदी जी के निर्देशन में गुलाबी नगरी के दीप स्मृति ऑडिटोरियम में एक भव्य आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें प्रसिद्ध आध्यात्मिक वक्ता ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रभु स्मृति एवं दीप प्रज्जवलन से हुई। दीप प्रज्जवलन में ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी, जयपुर सबज़ोन इंचार्ज बी.के. पूनम दीदी, (जनरल मैनेजर नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे) अमिताभ जी, (प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर इनकम टैक्स राजस्थान) नरेश कुमार बालोदिया जी, मूलचंद चहर जी ( प्रधान संपादक बिजनेस रैंकर्स) शामिल हुए।
मशहूर बॉलीवुड सिंगर रवींद्र उपाध्याय एवं अंतर्राष्ट्रीय संगीत गुरु रोहित कटारिया ने भी अपनी संगीत प्रस्तुति दी एवं स्वागत नृत्य की प्रस्तुति कुमारी साक्षी, परी, प्रियांशी के द्वारा की गई।
जयपुर सबजोन इंचार्ज बीके पूनम दीदी ने पधारे हुए सभी गणमान्य मेहमानों का शब्दो द्वारा स्वागत किया साथ ही कार्यक्रम के विषय पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया आनंद के प्राप्ति का आधार आनंद के सागर परमात्मा है उनके साथ कनेक्शन जोड़ने से ही परम आनंद की अनुभूति होती है।
इंटरनेशनल मोटिवेशनल स्पीकर बीके शिवानी दीदी ने शहरवासियों को खुश और हेल्दी रहने के फॉर्मूले बताए।
खुश रहने के लिए सोच, संस्कार और कर्म बहुत महत्वपूर्ण है। इसी के आधार पर बच्चों का ध्यान प्रायोरिटी से रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यक्ति जिस तरह जीता है, वैसा ही इस दुनिया से जाता है। जिसने जीते हुए गांठ-गांठें की हुई है, उसे जाते समय भी दिक्कत होगी। वो अपने साथ गांठे लेकर ही जाएगा। आत्मा अपने साथ संस्कार और कर्म लेकर जाती है। इसलिए व्यक्ति को कर्म और संस्कार पर ध्यान देना चाहिए।
जिंदगी में सिर्फ पैसा ही नहीं, खुशी कमाना भी उतना ही जरूरी है । खुश रहना है तो यह मत बोलो, मेरे पास टाइम नहीं है। । मैं बहुत बिजी हूं। यही खुशी को घटाती है। वर्क, फैमिली और सेल्फ के बजाय | सेल्फ, फैमिली और वर्क पर फोकस करें। इससे क्षमता बढ़ेगी। काम बेहतरीन तरीके से कर पाएंगे। सिर्फ पैसा ही नहीं, खुशी भी कमाना है। इससे हेल्थ अच्छी हो जाएगी।
रात को आठ बजे बाद काम से डिस्कनेक्ट होने का संकल्प लें
नए साल पर सभी एक-दूसरे को हैपी न्यू ईयर का मैसेज देते हैं। हम दूसरों को खुशी और आशीर्वाद देते हैं। इस बार खुद को खुशी दें, यह तय करें। ऑफिस से घर पहुंचने पर रात आठ बजे बाद अपने काम से डिस्कनेक्ट हो जाएं। टीम लीडर को यह करना चाहिए, वह रात 8 बजे बाद अपने साथियों को काम के लिए डिस्टर्ब न करे, क्योंकि आजकल व्यक्ति 7-8 घंटे की नींद तो ले रहा है, लेकिन वह गहरी नहीं है। जिंदगी में खुश रहने के लिए हमें 30 साल पुरानी लाइफस्टाइल को गैजेट्स का यूज करते हुए अपनाना होगा।
खुशी ओहदे, मान-सम्मान से नहीं, अच्छे विचार से आती है
पढ़-लिख लो, कुछ बन जाओगे तो खुश रहोगे। बचपन से ही यही सिखाया जा रहा है। फिर भी व्यक्ति खुश नहीं है, क्योंकि खुशी पढ़ाई, ओहदे और मान-सम्मान से नहीं आती है। ना ही किसी को गुलाब देने से मिलती है। दुनिया इसे खरीदने के लिए बहुत पैसा खर्च कर रही है। यह सिर्फ बिजनेस मॉडल है। कमाना जरूरी है, लेकिन इससे भी खुशी नहीं मिलती। मान-सम्मान से ओहदा मिलता है, खुशी नहीं। खुशी के लिए दिनभर सही विचार आना चाहिए। सही विचार ही हमें खुशी देता है। हम दूसरों को खुशी दे रहे हैं, यह सिर्फ भ्रांति है, खुशी नहीं है। यदि हम खुद थके हुए हैं तो दूसरों को खुशी कैसे देंगे। उन्हें खुशी तब मिलेगी जब हम सारे काम करते हुए खुश रहेंगे।
कार्यक्रम का सुचारु रूप से संचालन बीके अदिति बहन ने किया | कार्यक्रम के अंत में, सभी उपस्थित लोगों के लिए ध्यान सत्र आयोजित किया गया, जिसमें सभी ने शांति, प्रेम और आनंद का अनुभव किया। इस भव्य आयोजन के लिए उपस्थित सभी गणमान्य मेहमानों ने आयोजकों का आभार व्यक्त किया |