लखनऊ,: खुर्शेदबाग विष्णुपुरी सेवाकेंद्र की डायमंड जुबली एवं पवित्र राजयोगी तापोनिष्ठ भाई-बहनों के सम्मान समारोह कार्यक्रम

0
19

“मानवता की सेवा के 60 वर्ष” – ब्रह्माकुमारीज़ खुर्शेदबाग (विष्णुपुरी) लखनऊ शाखा ने मनाई हीरक जयंती

लखनऊ, उत्तर प्रदेश:

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की खुर्शेदबाग, लखनऊ शाखा ने अपनी स्थापना के 60 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में शनिवार शाम को चारबाग स्थित रविन्द्रालय सभागार में “हीरक जयंती महोत्सव एवं वरिष्ठ राजयोगी भाई बहनों सम्मान समारोह “सांस्कृतिक संध्या” का भव्य आयोजन किया गया।

इस अवसर पर बी०एस०एफ० के पूर्व Addl. DG श्री आर. के. हजेला, पूर्व DIG श्री सुशील कुमार पाण्डेय जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

इसके अतिरिक्त, ब्रह्माकुमारीज़ मुख्यालय से वरिष्ठ राजयोगी राजू भाई जी ( उपाध्यक्ष, कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग) और राजयोगी भ्राता कर्नल भुवन चंद्र सती जी (राष्ट्रीय संयोजक, सुरक्षा सेवा प्रभाग) ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और स्वागत नृत्य के साथ हुआ। मुख्य अतिथियों का स्वागत वरिष्ठ राजयोगिनी बी.के माधुरी दीदी और वरिष्ठ बी.के दिव्या दीदी ने किया।

इस आयोजन में बड़ी संख्या में ब्रह्माकुमारीज के सदस्य और समाज के विभिन्न वर्गों के  अनेक गणमान्य लोगो शामिल हुए। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य 60 वर्षों से मानवता की सेवा में किए जा रहे ब्रह्माकुमारीज के समर्पित प्रयासों का सम्मान करना और इस सेवा को आगे बढ़ाने का संकल्प लेना था।

साथ ही, 35 वर्षों से भी अधिक समय से राजयोग का अभ्यास कर रहे पवित्र राजयोगी एवं तपोनिष्ठ भाई-बहनों का सम्मान भी किया गया।

मुख्य अतिथियों के विचार:

श्री आर० के० हजेला जी (पूर्व Addl. DG) ने अपने उद्बोधन में कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्था दशकों से सम्पूर्ण मानव जाति को आध्यात्मिक गुणों, शिक्षाओं, और मूल्यों से आलोकित करने का दिव्य एवं पावन कार्य कर रही है।

श्री सुशील कुमार पाण्डेय जी (पूर्व DIG) ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ लखनऊ खुर्शेदबाग सेवा केंद्र पिछले 60 वर्षों से परमात्मा शिव की शिक्षाओं का अलौकिक प्रकाश फैलाने का कार्य कर रहा है। 

विशिष्ट अनुभव और प्रेरणायें:

राजू भाई ने लखनऊ में ब्रह्माकुमारीज सेवा कार्य की शुरुआत का इतिहास, जिसमें गुलजार दादी के लखनऊ में पहली बार आगमन का रोचक संस्मरण, और शांतामणि व सती दादी के योगदान को याद किया।

कर्नल भुवन चंद्र सती ने कारगिल युद्ध के दौरान राजयोग अभ्यास से प्राप्त अद्भुत उपलब्धियों का अनुभव साझा किया।

सम्मान और धन्यवाद:

कार्यक्रम के अंत में राजयोगिनी बीके माधुरी दीदी ने मधुबन से आए भाई-बहनों और सभी अतिथियों का धन्यवाद किया। दीदी ने खुर्शेदबाग लखनऊ शाखा से जुड़े पुराने मुख्य भाई-बहनों को सम्मानस्वरूप भेंट भी प्रदान की।सभी ने खुर्शेदबाग सेवा केंद्र के कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और आध्यात्मिक संदेशों ने उपस्थित लोगों को सकारात्मक ऊर्जा और प्रेरणा से भर दिया।

कार्यक्रम का समापन भोग प्रसाद के वितरण के साथ हुआ।

लाइव प्रसारण की लिंक: https://www.youtube.com/live/S8ZiXlPGszs

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें