स्वर्ण ताजधारी, श्वेत वस्त्रधारी तपस्वी युगलों से
महेसाना का राधनपुर रोड धवल प्रकाश से आच्छादित हो गया।
ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा आयोजित पवित्र जीवन यात्रा महोत्सव में
सेंकडो युगल इकट्ठे हुए।
महासम्मेलन की झलकियाँ
– तपस्वी युगल एवं महेमानों का हुआ भव्य स्वागत
– युगल के तप को दर्शाती हुई नृत्य नाटिका ‘पवित्रपुरम की कहानी’ का सुंदर मंचन हुआ।
– सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की गई।
– मंचासीन महेमानों के साथ महेसाना शहर के 70 प्रतिष्ठित महानुभावों ने दीप प्रज्वलित कर महासम्मेलन का उद्घाटन किया।
– पवित्र महानुभावों के दिव्य प्रवचनों से सभी लाभान्वित हुए।
– पवित्र जीवन यात्रा महोत्सव भव्यता से मनाया गया।
– तपस्वी युगलों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।
महेसाना,गुजरात : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में परमात्मा शिव द्वारा सिखाये जा रहे सहज राजयोग एवं आध्यात्मिक ज्ञान को अपने जीवन में धारण कर जिन्होंने पवित्रता का व्रत लिया है और गृहस्थ जीवन में रहते हुए दिव्यता एवं तपस्या के बल से गृहस्थ को ‘सुगंधित उपवन’ बनाया है। ऐसे तपस्वी, ब्रह्मचारी, राजऋषि युगलों का, ब्रह्माकुमारीज़ महेसाना द्वारा महासम्मेलन आयोजित किया गया।
महेसाना के राधनपुर रोड पर स्थित उमंग पार्टी प्लॉट में आयोजित इस महासम्मेलन का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन करने के बाद उद्घाटक, आचार्य महामंडलेश्वर संत श्री कमल किशोर जी महाराज, दिव्य शक्ति अखाड़ा, सहारनपुर ने तपस्वी युगलों को संबोधित करते हुए कहा “ मैं इन गेरुआ कपड़ों में संत हूँ आप इन श्वेत वस्त्रों में संत हो। शांति के लिए यज्ञ रचते हैं परंतु यज्ञ में काम, क्रोध, लोभ आदि विकारों की आहुति देने से सच्ची शांति आयेगी। वास्तविक प्रेम सीखना हो तो मैं डंके की चोट से कहता हूँ कि आप ब्रह्माकुमारीज़ में जाओ। ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय शिक्षा का घर है, जहाँ बहने गुरु है, भाई गुरु है जो हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं। जो कोई भी परिस्थिति में विचलित नहीं होता, संतुलन बनाए रखता है वह संत है और वो संत आप सब है। आप संतो को मैं प्रणाम करता हूँ।”
ब्रह्माकुमारीज़ महेसाना के उपक्षेत्रिय संचालिका एवं कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग की राष्ट्रीय अध्यक्षा आदरणीय ब्रह्माकुमारी सरला दीदी ने कार्यक्रम का लक्ष्य स्पष्ट करते हुए बताया “इस संस्था का स्लोगन है – पवित्र बनो, योगी बनो। पवित्रता ही सुख शांति की जननी है। इस संगठन में देखने में साधारण है किन्तु आप लोगों ने घर गृहस्थ में रहकर पवित्रता को धारण किया है। अपने जीवन को कमल पुष्प समान बनाया है। इस विद्यालय ने आध्यात्मिक ज्ञान देकर नर को नारायण एवं नारी को लक्ष्मी समान बनाया है। आध्यात्मिक ज्ञान से आपसी व्यवहार में परिवर्तन आता है जिसका परिवार, समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सर्व समस्या का समाधान सकारात्मकता से आता है।”
आशीर्वचन देते हुए ब्रह्माकुमारीज़ महादेव नगर, अहमदाबाद से पधारे ब्रह्माकुमारीज़ के कला एवं संस्कृति प्रभाग के राष्ट्रीय अध्यक्षा आदरणीय राजयोगिनी ब्र.कु. चंद्रिका दीदी ने कहा “ईश्वरीय मार्ग पर चलने में लोक-लाज, कुल, मर्यादा, नाम, मान, शान छोड कर अपने शुद्ध आत्मिक स्वरूप को पहचानना जरूरी है। तभी मान-अपमान, स्तुति निंदा, जय-पराजय, सफलता-निष्फलता में समान स्थिति में स्थित हो सकेंगे। अगर हम लोक-लाज, कुल-मर्यादा रूपी नाक, व्यर्थ बातें सुनने वाले कान एवं देह अहंकार रूपी सर काटेंगे तभी हम अपने जीवन में उंची स्थिति प्राप्त कर सकते हैं। ”
“अहंकार, मोह माया को तज कर, संसार में रह कर अपने जीवन को मानव कल्याण में लगाने के लिए इस संस्था के साथ आप सभी जुड़े हुए है यह बहुत वंदनीय बात है।” यह उद्गार व्यक्त करते हुए महेसाना के विधायक मुकेश भाई पटेल ने सभी तपस्वी युगलों को अभिनंदन दिया। माउंट आबू से पधारे धार्मिक प्रभाग के मुख्यालय संयोजक आदरणीय राजयोगी ब्र.कु. रामनाथ भाई ने योग का महत्व समझाते हुए कहा “जब इच्छा शक्ति रखेंगे तो श्रेष्ठ बनेंगे। उस के लिए ज्ञान एवं शक्ति इन दो चीजों की जरूरत है। खुद को आत्मा समझ कर परमपिता परमात्मा को याद करने से अनेक जन्म के पाप भस्म हो जाते हैं।” कार्यक्रम के प्रारंभ में ब्रह्माकुमारीज़ महेसाना के वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका राजयोगी ब्र.कु. कुसुम बहन ने सभा में उपस्थित सभी का शब्दों से स्वागत किया। महेसाना के डिस्ट्रिक्ट एवं सेशन जज सी.एम. पवार एवं एस.एस. काले तथा जिला भाजपा प्रमुख गिरीश भाई राजगोर की मुक उपस्थिति भी प्रशंसनीय रही। तपस्वी युगल सहित 1500 महेमानों की उपस्थिति रही।