“हरिशंकरी पौधरोपण की अभियान” की शुरुआत हुई

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आगरा,उत्तर प्रदेश : ब्रह्माकुमारीज आर्ट गैलरी म्यूज़ियम को आगरा, DFO ( डीएफओ) – आदर्श कुमार जी SDO – कुंज मोहन वर्मा जी,वानिकी प्रभाग द्वारा निमंत्रण। सभी NGO’s तथा सभी स्वंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर आज वीडियो कांफ्रेंस के द्वारा “हरिशंकरी पौधरोपण की अभियान” की शुरुआत हुई।  कांफ्रेंस के दौरान “हरिशंकरी परियोजना परियोजना का उद्देश्य बताया। हरी शंकरी परियोजना के अंतर्गत वृक्ष तैयार करना। यह एक अत्यंत पुण्य व परोपकारी काम माना जाता है. हरिशंकरी के तीनों पौधों अर्थात पीपल, बरगद और पाकड़ को एक ही स्थान पर इस तरह रोपते हैं कि तीनों वृक्षों का संयुक्त छत्र विकसित हों. इससे तीनों पौधे विकसित होने पर एक तने के रूप में नजर आते हैं. पुराणों में भी इस पौधे का उल्लेख मिलता है। गांवों में हरिशंकरी पौधों से कम होगी गर्मी की तपिश।धरती पर बढ़ती गर्मी का सितम कम करने के लिए हर साल करोड़ों पौधे रोपे जाते हैं, लेकिन उसमें से कुछ ही पौधे बच पाते हैं। यही कारण है कि अब तक चले पौधरोपण अभियान का खास असर नहीं दिखा। सरकार अब ऐसे पौधों को लगाने की तैयारी कर रही है जिनका वैज्ञानिक के साथ आध्यात्मिक महत्व हो, साथ ही अकेले ही कई वृक्षों के बराबर हो जिससे वह विपरीत परिस्थितियों में भी मुरझाने से बच जाएं। इस बार प्रत्येक गांव में पीपल, बरगद व पाकड़ के सम्मिलित रोपण वाले हरिशंकरी पौधे लगाए जाएंगे। ब्रह्म, विष्णु व महेश को प्रिय कहे जाने वाले इन पेड़ों की देखभाल ग्राम पंचायत के जिम्मे होगी। यह एक वृक्ष ही कई पेड़ों के बराबर होने से ग्रामीणों को अधिक छाया व शीतलता मिलेगी जिससे सूरज का सितम कम होगा। खास बात यह है कि आस्था से जुड़े होने के चलते इन पौधों को संरक्षित करने में ग्रामपंचायतों को अधिक मेहनत नहीं करनी होगी। कारण ग्रामीण आज भी इनकी लकड़ी काटने व जलाने से परहेज करते हैं।

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