एक बार की बात है, चुनीलाल नाम का एक व्यक्ति था। उसने पैसे कमाने के लिए बहुत से प्रयास किये जैसे कभी चूडिय़ां बेचीं, कभी खिलौने बेचे और कभी सब्जियां बेची लेकिन उसका कोई भी काम नहीं चला। फिर उसने गोलगप्पे बेचने का सोचा और स्कूल के सामने जाकर गोलगप्पे बेचने लगा। जैसे ही स्कूल की छुट्टी होती थी तो बहुत से छोटे बच्चे उसके ठेले पर आते और गोलगप्पे खाते थे।
वह गोलगप्पे बेचते हुए बच्चों से बात करता और उनके बारे में जान लेता था। रवि नाम का एक स्कूल का बच्चा जिसको गोलगप्पे खाने का बहुत शौक था। वह स्कूल की छुट्टी होने पर रोज़ उसके पास आकर गोलगप्पे खाता था। वह रवि से बात करता और उसके घर के बारे में पूछता था। एक दिन उसने रवि के गले में सोने की चैन देखी तो चुनीलाल ने रवि से पूछा यह सोने की चैन तुम्हें किसने दी।
रवि ने उसको बता दिया यह चैन उसको उसकी मम्मी ने दी है। चुनीलाल रवि की सोने की चैन देख कर लालच में आ गया। उसने उस दिन उसको बहुत सारे गोलगप्पे खिलाए। जब रवि उसको गोलगप्पे के 20 रूप देने लगा तो चुनीलाल बोला तुमने 100 रूपए के गोलगप्पे खाये हैं। रवि बोला मेरे पास तो इतने ही रूपए हैं। यह सुनकर चुनीलाल बोला कोई नहीं तुम यह अपनी सोने की चैन मुझे दे दो।
रवि को सोने की चैन की कीमत का पता नहीं था। उसने वह चैन उतार कर चुनीलाल को दे दी। अगले दिन जब रवि की स्कूल की छुट्टी हुई तो रवि घर जाने लगा यह देखकर चुनीलाल ने उसको गोलगप्पे खाने को बोला। रवि ने बताया कि उसके पास पैसे नहीं हैं,उसको उसकी मम्मी ने पैसे नहीं दिए। यह सुनकर चुनीलाल रवि को भड़काने लगा और बोला कि अगर तुम्हारी मम्मी तुमको पैसे नहीं देती तो तुम अपने घर से पैसे चुरा सकते हो जिससे तुम जितने चाहो उतने गोलगप्पे खा सकते हो।
रवि के कोमल मन में यह बात बैठ गयी और उसने अपने घर में चोरी करने की सोची। रवि अगले दिन घर की अलमारी में रखे हुए पैसे चुराने लगा तभी उसकी मम्मी आ गयी और उसने रवि को पैसे चुराते हुए देख लिया। रवि की मम्मी ने उसको डाँटा तो उसने बताया चुनीलाल गोलगप्पे वाले ने उसको चोरी करने को बोला था। सोने की चैन के बारे में भी उसने अपनी मम्मी को बताया जिसे चुनीलाल ने ले लिया था।
यह सुनकर रवि की मम्मी हैरान हो गयी और उसने चुनीलाल को रंगे हाथों पकडऩे की सोचा। अगले दिन रवि स्कूल की छुट्टी होने पर चुनीलाल के पास पहुंचा तब चुनीलाल ने उससे पूछा कि क्या उसने घर में चोरी की तब रवि ने उसको बोला कि उसने चोरी की और उसको 2000 का नोट दिखाया जो चुनीलाल ने ले लिया और उसको गोलगप्पे देने लगा तभी रवि की मम्मी वहाँ आ गयी और उसने चुनीलाल को रंगे हाथों पकड़ लिया।
चुनीलाल बहुत डर गया उसने रवि की मम्मी को बोला कि वह पैसे और सोने की चैन लौटा देगा लेकिन रवि की मम्मी ने उसको पुलिस के पास दे दिया जिससे वह और किसी बच्चे के साथ ऐसा न कर सके।
शिक्षा : इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें लालच नहीं करना चाहिए और बुरे काम का नतीजा बुरा ही होता है।