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भिलाई: गुणों के स्मृति से वृत्ति,कर्म,बोल और हमारा व्यवहार श्रेष्ठ बनता है.. ब्रह्माकुमारी सरिता दीदी धमतरी

भिलाई,छ.ग.:- अच्छी बातों को सुनना आता है, सुन लेते हैं पर मानना नहीं आता,जीवन में अपनाना नहीं आता। 

यह बातें धमतरी सेवा केंद्रों की निदेशिका ओजस्वी निर्मल वाणी से संपन्न सरलचित् ब्रह्माकुमारी सरिता दीदी जी ने सेक्टर 7 स्थित अंतर्दिशा  भवन के पीस ऑडिटोरियम में कहीं।

आगे आपने बताया की अच्छे गुणों के स्मृति स्वरूप से वृत्ति बनती है वृत्ति से कर्म और कर्म से बोल और हमारा व्यवहार श्रेष्ठ बनता है जिसमें भाव और भावनाएं निहित होती हैं। 

जड़ और तना जितना मजबूत होता है वृक्ष उतना ही ज्यादा शक्तिशाली मजबूत होता है, जो योग्य होता है उसे ही जिम्मेवारी मिलती है।

आपने सभी को अभ्यास कराया की दुआएं दो दुआएं लो। आपने तीन पर परचिंतन,परदर्शन, परमत(कुसंग) को छोड़कर श्रेष्ठ संग को अपनाने की प्रेरणा दी।

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